बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में राफेल सौदे के आरोपों से निपटने पर चर्चा, राहुल गांधी निशाने पर रहे
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 9, 2018 11:43 AM2018-02-09T11:43:25+5:302018-02-09T11:44:26+5:30
अनंत कुमार के अनुसार संसदीय बोर्ड की बैठक में अमित शाह ने कहा कि रॉफेल डील के प्रमुख बिंदुओं पर बात की जा चुकी है, आगे भी करेंगे। लेकिन रॉफेल विमान के हर कंपोनेंट पर चर्चा करना देशहित में नहीं होगा।
भारतीय जनता पार्टी ने बजट सत्र के पहले चरण आखिरी दिन संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई। इस बैठक में राफेल सौदे पर कांग्रेस के आरोपों से निपटने पर चर्चा की गई। इस बैठक के केंद्र में राहुल गांधी रहे। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल गांधी की राजनीतिक शैली को अलोकतांत्रिक कहा है। बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि संसदीय बोर्ड को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने संबोधित किया।
अनंत कुमार के अनुसार संसदीय बोर्ड की बैठक में अमित शाह ने कहा कि रॉफेल डील के प्रमुख बिंदुओं पर बात की जा चुकी है, आगे भी करेंगे। लेकिन रॉफेल विमान के हर कंपोनेंट पर चर्चा करना देशहित में नहीं होगा।
#Rafale deal ke main points bata chuke hain aur batayenge, lekin har ek component ko lekar charcha karna kitna uchit hoga desh hith mein? ye baat Rashtriya Adhyaksh ji ne baithak mein kaha: Ananth Kumar,Parliamentary Affairs Minister pic.twitter.com/5CBJkn6qtN
— ANI (@ANI) February 9, 2018
राफेल विमान सौदे पर घोटाले के आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि राफेल सौदे में घपला हुआ है। उन्होंने कहा कि पहली बार देश की रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण कह रही हैं कि हवाई जहाज खरीदने के लिए जो पैसा दिया गया है उसे हम नहीं बताएंगे। इस विषय को क्यों नहीं पूछा जा रहा है। उन्होंने कहा हम इस मुद्दे को गुजरात विधानसभा चुनाव में भी उठा चुका हैं। इस सौदे में घपला हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस जाकर व्यक्तिगत रूप से सौदा करवाया है और वहां सौदा बदला गया है। इस बात को पूरा हिन्दुस्तान जानता है।
रक्षामंत्री ने दिया था जवाब
भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा था कि देश की सुरक्षा के लिहाज से राफेल सौदे की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती। उन्होंने संसद में बताया था कि फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान के जो सौदे हुए हैं वह दो देशों की सरकारों के बीच का समझौता है इसलिए इसे गुप्त रखा जाएगा। इसके बाद सदन में सपा नेता नरेश अग्रवाल ने पूछा था कि सरकार इस सौदे का विवरण क्यों नहीं देना चाहती है? यह सौदा पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के कार्यकाल के दौरान हुआ था। उन्होंने भारत-फ्रांस के बीच 36 राफेल विमानों के लिए 58,000 करोड़ की सौदे पर हस्ताक्षर किये थे। इस सौदे पर कांग्रेस पहले भी आरोप लगा चुकी है।