उपेन्द्र कुशवाहा को झटका, तेजस्वी यादव के साथ गए प्रदेश अध्यक्ष सहित 36 नेता, राजद ने सीएम नीतीश पर किया हमला
By एस पी सिन्हा | Published: March 12, 2021 06:05 PM2021-03-12T18:05:24+5:302021-03-12T20:04:32+5:30
जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य बशिष्ठ नारायण सिंह पहले ही कह चुके हैं कि रालोसपा के जदयू में विलय को लेकर उपेंद्र कुशवाहा से बातचीत चल रही है।
पटनाः बिहार में सत्ताधारी दल जदयू में उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के विलय से होने की चल रही तैयारियों के बीच रालोसपा में भगदड़ मच गई है।
उपेंद्र कुशवाहा को जोर का झटका देते हुए कई दिग्गज नेताओं ने उनका साथ छोड़ लालटेन यानी राजद का दामन थाम लिया. लालटेन थामने वालों में रालोसपा के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र कुशवाहा, पार्टी महिला सेल की प्रमुख मधु मंजरी और पार्टी के प्रदेश महासचिव निर्मल कुशवाहा सहित कई नेता शामिल रहे।
रालोसपा के करीब तीन दर्जन नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई
ऐसे में अब हालात ये हो गये हैं कि उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी में उनके अलावा गिने चुने नेता ही बचे हैं। हाल ही में रालोसपा के कई नेताओं ने जदयू या भाजपा का दामन था लिया था। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मौजूदगी में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने रालोसपा के करीब तीन दर्जन नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई।
इस मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं का स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ये सरकार अपराधियों को बचा रही है।
खास तौर पर अपनी पार्टी के वैसे विधायकों को मुख्यमंत्री बचा रहे हैं, जो अपराधिक घटनाओं में शामिल हैं। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार ने रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा को "नीच" बुलाने का काम किया था और आज उपेन्द्र कुशवाहा उसी पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं।
नीतीश कुमार की पार्टी तीसरे नंबर पर
तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी तीसरे नंबर की पार्टी है, कई अपराधी तत्व हैं, जो जदयू में शामिल हैं। सरकार कई ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही है, जिन्हें जेल में होना चाहिए था। इसके साथ ही मंत्रियों के पास शराब बरामदगी की भी चर्चा की।
उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा को भी याद दिलाया कि नीतीश कुमार ने उन्हें "नीच" बुलाने का काम किया था और उनके बारे में ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले के साथ अब वह राजनीति करने जा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा खुद यह कहा करते थे कि नीतीश कुमार जैसे दोस्त अगर साथ हो तो दुश्मन की कोई जरूरत नहीं है।
जदयू विधायक रिंकू सिंह पर लगे हत्या के आरोप
लेकिन अब उपेंद्र कुशवाहा उन्हीं नीतीश कुमार के साथ जाने की तैयारी कर चुके हैं। उपेंद्र कुशवाहा के नीतीश प्रेम को लेकर उनकी पार्टी में भगदड़ मची हुई है और जितने भी लोग रालोसपा से अलग कर राजद में आएंगे, हम उनका स्वागत करेंगे। उपेंद्र कुशवाहा ने बाद में शिक्षा को लेकर कई आंदोलन की शुरुआत की, लेकिन आज शिक्षा की स्थिति और भी बदतर हो गई है।
लेकिन फिर भी वह जदयू में जा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि बिहार में नीतीश कुमार खुद वैशाखी के सहारे हैं। बिहार में डबल इंजन की सरकार में विकास ठप पड़ गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार अपराधियों को बचा रही है। जदयू विधायक रिंकू सिंह पर लगे हत्या के आरोप मामले में तेजस्वी के साथ मारे गए पूर्व जिला पार्षद दयानंद वर्मा की विधवा अपने बच्चे के साथ मौजूद थीं।
न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही हूं
प्रदेश राजद कार्यालय में तेजस्वी यादव के बगल में बैठी पीड़ित महिला ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश की पार्टी के विधायक रिंकू सिंह उर्फ धीरेंद्र सिंह ने ही उनके पति की हत्या की है। उन्होंने कहा कि आज बच्चे को साथ लेकर न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही हूं। विधवा महिला ने कहा कि उनके सामने ही बदमाशों ने उनके पति को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया था।
लेकिन उन्हें इंसाफ नहीं मिल रहा है. वह इंसाफ के लिए भटक रही हैं, वहीं तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार के मंत्री के आवास के कैंपस में शराब मिला, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। गोपालगंज के कुचायकोट सीट से जदयू विधायक पप्पू पांडेय उर्फ अमरेंद्र पांडेय के ऊपर ट्रिपल मर्डर का आरोप है। लेकिन उसके ऊपर भी पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने कहा कि यही है बिहार में आज का जंगलराज. शराब माफिया के हाथों पुलिस का एनकाउंटर हो रहा है, सरकार की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा। यहां बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा करीब दो साल बाद एक बार फिर से जदयू में शामिल होने जा रहे हैं, रालोसपा का जदयू में विलय की बात अंतिम दौर में है।
पिछले साल नवंबर में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा ने मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और असुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, चुनाव से पहले उपेंद्र कुशवाहा ने खुद को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट भी किया था, मगर रालोसपा को एक भी सीट नहीं मिली थी।