राजद नेता श्याम रजक का दावा, जदयू के 16-17 विधायक कर रहे हैं फोन, कभी भी थाम सकते हैं लालटेन
By एस पी सिन्हा | Published: December 30, 2020 06:19 PM2020-12-30T18:19:07+5:302020-12-30T19:14:00+5:30
अरुणाचल प्रदेश के कारण बिहार में राजनीति तेज हो गई है. नीतीश सरकार और एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं है. राजद ने कहा कि जदयू के 16-17 एमएलए पार्टी से इस्तीफा देने को तैयार हैं.
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में मामूली अंतर से जीत के बाद विपक्ष जहां एक ओर एनडीए की परेशानी बढ़ाने की कोशिश में लगा है, वहीं अरुणाचल प्रदेश के जदयू विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद बिहार की सियासत में उबाल आया हुआ है.
सत्ताधारी दल भाजपा और जदयू के बीच उत्पन्न खटास में लालू यादव के करीबी नेताओं ने बयान देकर राज्य की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. इसबीच राजद ने यह कह कर सनसनी फैला दी है कि जदयू के 16-17 विधायक बार-बार फोन कर रहे हैं. इस तरह से बिहार में नए साल से पहले सियासी तूफान चरम पर है.
तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने का फॉर्मूला भी जदयू को दिया
वहीं, cहालांकि जदयू ने इस फॉर्मूले को खारिज कर दिया है. बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के घटनाक्रम के बाद से ही भाजपा और जदयू के बीच आपसी तनातनी जारी है. राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चाके मुताबिक राजद के दो नेताओं ने बैक टू बैक तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने फॉर्मूला मीडिया को बता दिया है.
इस बीच राजद नेता और बिहार सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके श्याम रजक ने ये दावा कर एनडीए के साथ-साथ जदयू की भी परेशानी बढ़ा दी है कि जदयू के 17 विधायक पार्टी के संपर्क में और वे कभी भी राजद ज्वाइन कर सकते हैं. श्याम रजक ने दावा किया कि भाजपा की कार्यशैली से नाराज जदयू के विधायक बिहार की एनडीए सरकार को गिराना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जदयू के 17 विधायकों को दल-बदल कानून के अंतर्गत सदस्यता रद्द होने के खतरे से बचाने के लिए फिलहाल रोककर रखा गया है.
जदयू के 25 से 26 विधायक पार्टी छोड़कर राजद में शामिल होंगे
उन्होंने कहा कि अगर जदयू के 25 से 26 विधायक पार्टी छोड़कर राजद में शामिल होंगे तो दल-बदल कानून के तहत उनकी सदस्यता पर आंच नहीं आएगी. श्याम रजक ने कहा कि पूरे घटनाक्रम पर उनकी नजर है और वे कुछ और जदयू विधायकों के पार्टी छोड़कर राजद में शामिल होने के इंतजार में हैं.
उन्होंने दावा किया कि जल्द ही जदयू के और भी विधायक पार्टी छोडकर राजद में शामिल होंगे. अरुणाचल प्रदेश की घटना को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राजद नेता ने दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश में जिस तरह से जदयू के 6 विधायकों को भाजपा ने अपनी पार्टी में शामिल किया है, उससे तो ये साफ हो गया है कि भाजपा नीतीश कुमार पर हावी हो गई है. इसी कारण से जदयू के विधायक पार्टी छोड़ना चाहते हैं.
उदय नारायण चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि नीतीश तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाएं
यहां उल्लेखनीय है कि राजद नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि नीतीश तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाएं, राजद और समूचा विपक्ष उन्हें 2024 में पीएम कैंडिडेट बनाएंगे. बता दें कि श्याम रजक और उदय नारायण चौधरी लालू यादव के करीबी नेता माने जाते हैं. यहां बता दें कि बिहाल विधानसभा में कुल 243 सीट है, जिसमें इस बार हुए चुनाव में जदयू को 43 सीट मिला. वहीं राजद इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनी.
बिहार में कांग्रेस को 19 सीट मिला है और भाजपा को 74 सीटों पर जीत हासिल हुई है. वहीं, राजद नेताओं के इस दावे और ऑफर के बाद जदयू ने बडा हमला बोला है. जदयू ने ऑफर देने वाले उदय नारायण चौधरी, श्याम रजक पर बड़ा हमला किया है. पूर्व मंत्री व जदयू के विधान पार्षद नीरज कुमार ने तेजस्वी पर कविता वार किया है.
तेजस्वी यादव दिवास्वप्न देखना छोड़ दें
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव दिवास्वप्न देखना छोड़ दें. सीएम-पीएम बनने का सपना छोड़ दें और किसी अच्छे ज्योतिष से दिखवा लें. दागी नेता को बिहार की जनता ने त्याग दिया है. नीरज कुमार ने लिखा है, "प्रकट भयो मचिया के दूत...चढ़ा जैसे सत्ता का भूत....चौधरी-श्याम आगे आगे....ऑफर बांटे भागे-भागे....सीएम देकर पीएम ले लो....जनता की उम्मीदों से मत खेलो....मगर जिस दागी को त्यागी जनता...आखिर वो सीएम कैसे बनता....तुम तो सत्तालोलुप ठहरे बाबू....दिवास्वप्न पर रख लो काबू....सीएम-पीएम के सपने मत पालो....अच्छे ज्योतिष से दिखवा लो.....
वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने श्याम रजक के बयान पर पलटवार करते हुए श्याम रजक को नसीहत देते हुए कहा कि, अपना घर संभालने की जरूरत है. राजद किसी दूसरे को देखने के बजाय अपना घर संभाले, क्योंकि उन्हें इसकी ज्यादा जरूरत है.
आज जदयू मजबूत है और पूरी तरह से नीतीश कुमार के साथ खड़ी है. वहीं अब 10 जनवरी को जदयू कार्यालय में जदयू राज्यकारिणी की बैठक की जाएगी. जिसमें जदयू के करीब 300 नेता और कार्यकर्ता शामिल होने वाले हैं. इस बैठक में जदयू के आगे की रणनीति तय की जाएगी. इसके साथ ही राज्य के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हो सकती है.