बिहार में महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीटों के बंतवारे को लेकर चल रही सियासी रणनीति के बीच हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि अगर विधानसभा में हमारे 70 विधायक होते हैं तो मुख्यमंत्री हमारे समाज का होगा.
ऐसे में रविवार के उनके इस बयान से यह माना जा रहा है कि उन्होंने इशारों में ही मुख्यमंत्री पद की दावेदारी कर दी है. वहीं, अब तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री पद को लेकर भी मांझी ने सवाल खड़ा कर दिया है. चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के बीच जीतन राम मांझी अभी से ही विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी की हवा बनाना शुरू कर दिया है.
माना जा रहा है कि मांझी को लोकसभा चुनाव में एक सीट दिया जा सकता है. लेकिन अब उन्होंने अभी से ही विधानसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी की हवा भी बनाने लगे हैं. वहीं, अब उन्होंने कहा है कि विधानसभा में हमारे 70 विधायक होते हैं तो सीएम हमारे समाज का होगा. ऐसे में साफ है कि जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी भी कर दी है.
जानकारों का मानना है कि जीतन राम मांझी के लगातार आ रहे बयानों से लग रहा है कि वह महागठबंधन के फॉर्मूले और अन्य दलों के नेताओं से नाराज हो गए हैं. इसलिए जहां वह महागठबंधन को एकजुट करने की बात करते हैं. लेकिन इससे अलग वह लगातार गठबंधन से अलग बयान दे रहे हैं.
उन्होंने अनंत सिंह को लेकर भी बयान दिया था कि वह अपनी पार्टी में उनका स्वागत करते हैं. जबकि राजद नेता तेजस्वी यादव ने साफ कहा था कि उनकी एंट्री नहीं हो सकती है. मांझी ने राजद उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के छोटे दलों द्वारा सीटों की सौदेबाजी वाले बयान का भी विरोध करते हुए कहा कि यह व्यवहारिक बयान नहीं है.
उन्होंने कहा कि अगर रघुवंश सिंह अगर लिखकर दें कि राजद 40 सीटों पर जीत जाएगी तो वह उनका समर्थन करेंगे. वहीं, अब दलित समाज के मुख्यमंत्री उम्मीदवार का दावा किया है.
दरअसल, जीतन राम मांझी अपने दलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्षों के साथ बैठक कर रहे थे. जीतन राम मांझी ने कहा कि आज की तारीख में भी लोग नहीं चाहते कि दलित समाज का व्यक्ति मुख्यमंत्री बने. वहीं, जब जीतन राम मांझी से पूछा गया कि क्या वो तेजस्वी को मुख्यमंत्री नहीं बनाएंगे तो मांझी का जवाब था कि ये फिलहाल महागठबंधन की बात है. बाद में अगर हमारे विधायक ज्यादा हुए तो मुख्यमंत्री हमारे समाज का होगा.
पार्टी के जिलाध्यक्षों को संबोधित करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री रहते दलित समाज के लोगों के लिए बडे फैसले लिये गये. मेरे लिए गए 34 फैसलों में से कई फैसलों को नीतीश सरकार ने अपनाया लेकिन कई फैसले दरकिनार रह गए. जिनमें कॉमन स्कूलिंग सिस्टम प्रमुख था. जीतन राम मांझी ने कहा कि वो चाहते थे कि पीएम मोदी कॉमन स्कूलिंग सिस्टम और ज्यूडिशरी में आरक्षण प्रणाली लागू करें. अगर पीएम मोदी ऐसा करते तो वो उनके साथ रहते.
उल्लेखनीय है कि मांझी और उनके सहयोगियों ने हाल के दिनों में अपने तल्ख बयानों से महागठबंधन के बड़े दलों की सांसे फुला रखी हैं. लेकिन मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी ठोंक कर मांझी ने राजद और तेजस्वी दोनों की मुश्किलें बढ़ा दी है.