बिहार विधानसभा चुनावः आयोग गंभीर, कई तरह के इंतजाम में जुटा, कई पार्टियां कर रही हैं विरोध
By एस पी सिन्हा | Published: August 1, 2020 08:18 PM2020-08-01T20:18:50+5:302020-08-01T20:18:50+5:30
चुनाव आयोग कोरोना काल में होने वाले चुनाव को लेकर बेहद गंभीर है और कई तरह के इंतजाम में लगा है. कोरोना काल में चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग बेहद गंभीर है और कई तरह के इंतजाम में लगा है.
पटनाः बिहार में बढ़ते कोरोना के प्रकोप के बीच विधानसभा चुनाव की तैयारी में चुनाव आयोग जोर शोर से जुटा है. राज्य में बढ़ते कोरोना के प्रकोप के बीच विधानसभा चुनाव की तैयारियों भी चालू हो गई हैं.
कोरोना काल में को लेकर कई पार्टियां इसका विरोध कर रही है तो सत्ता पक्ष ने वर्चुअल सम्मेलन के जरिए मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश भी शुरू कर दी है. इन सब के बीच चुनाव आयोग कोरोना काल में होने वाले चुनाव को लेकर बेहद गंभीर है और कई तरह के इंतजाम में लगा है. कोरोना काल में चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग बेहद गंभीर है और कई तरह के इंतजाम में लगा है.
बिहार विधानसभा चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग ने 33,804 नये सहायक बूथों के गठन की स्वीकृति दे है. अब राज्य में मतदाताओं को विधानसभा चुनाव में कुल 106527 बूथों पर मतदान करने का मौका मिलेगा. आयोग ने जिलों द्वारा प्रति हजार मतदाताओं पर एक बूथ के गठन की स्वीकृति दे दी.
आयोग ने कहा है कि नये सहायक बूथों में 3233 ऐसे बूथ हैं, जिनकी स्थापना दो किलोमीटर के अंदर हो, जिससे मतदाता आसानी से जाकर वहां पर मतदान कर सकें. निर्वाचन आयोग ने राज्य की सभी 38 जिलों की 243 विधानसभा क्षेत्रों में सहायक बूथ बनाने की स्वीकृति दी है.
अब पश्चिम चंपारण जिले की नौ विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1159 नये सहायक बूथों के गठन होने के बाद जिले में कुल बूथों की संख्या बढ़कर 3662 हो जायेगी. पूर्वी चंपारण जिले की 12 विधानसभा क्षेत्रों में बूथों की संख्या में 1686 का इजाफा हो जायेगा.
यहां उल्लेखनीय है कि महागठबंधन के घटक दल तो कोरोना काल में चुनाव टालने की मांग कर ही रहे हैं साथ ही एनडीए के सहयोगी दल लोजपा ने भी कोरोना के संक्रमण के खतरे को देखते हुए चुनाव को आगे बढ़ाने की मांग कर रही है.
लेकिन जदयू और भाजपा दोनों दल समय से चुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है. सूत्रों के अनुसार भाजपा और जदयू ने विधानसभा चुनाव एक फेज में कराने की मांग की है. लेकिन चुनाव आयोग इसे दो या फिर तीन फेज में करवा सकता है. एक फेज में भी हो जाए तो कोई आश्चर्य नहीं.