बिहार विधानसभा चुनावः एनडीए नाव के खेवनहार होंगे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, महागठबंधन से बेआबरू होकर निकले, सीएम से मिले
By एस पी सिन्हा | Published: August 27, 2020 04:12 PM2020-08-27T16:12:46+5:302020-08-27T16:25:46+5:30
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मांझी की पार्टी को 9 से 12 सीटें देने का आश्वासन दिया है. हालांकि मांझी एनडीए में 15 सीटों की मांग कर रहे हैं.
पटनाः बिहार में महागठबंधन से बाहर निकले पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की एनडीए में डील लगभग फाइनल हो गई है. आज तड़के सुबह मांझी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे.
बंद कमरे में घंटों चली बैठक में जो खबर सामने आई है, उसके मुताबिक मांझी की डील नीतीश कुमार के साथ फ़ाइनल हो गई. इस तरह से मांझी पहले एनडीए फिर महागठबंधन और अब एब बार फिर एनडीए में शामिल हो रहे हैं.
मांझी महागठबंधन में पर्याप्त पूछ-परख न होने की वजह से नाराज चल रहे थे
मांझी महागठबंधन में पर्याप्त पूछ-परख न होने की वजह से नाराज चल रहे थे. मांझी महागठबंधन में फैसला लेने के लिए समन्वय समिति के गठन की मांग कर रहे थे. लेकिन उनकी मांग को सिरे से खारिज किया जा रहा था. सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मांझी की पार्टी को 9 से 12 सीटें देने का आश्वासन दिया है. हालांकि मांझी एनडीए में 15 सीटों की मांग कर रहे हैं.
मांझी भाजपा कोटे की कुछ सीटों पर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रत्याशी को खड़ा करना चाहते हैं. उनकी इस मांग पर अभी कोई सहमति नहीं बनी है. महागठबंधन छोड़ने के बाद मांझी की नीतीश कुमार से ये पहली मुलाकात है. इसके पहले राज्य सरकार के एक वर्चुअल कार्यक्रम में मांझी ने ऑनलाइन शिरकत की थी.
मांझी की महागठबंधन छोड़ने की कई वजहें थीं
यहां बता दें कि मांझी की महागठबंधन छोड़ने की कई वजहें थीं. मांझी मांग कर रहे थे कि विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले यह तय हो जाए कि किस पार्टी को कितनी सीट मिलेगी? लेकिन राजद की ओर से पहल नहीं हुई. विधानसभा चुनाव में अधिक सीट पाने के लिए मांझी प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे थे.
उन्होंने कई बार महागठबंधन की ओर से तेजस्वी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होने पर भी सवाल उठाया था. इसबीच, जदयू से दलित नेता श्याम रजक के राजद में आ जाने से मांझी को महागठबंधन में खुद के दलित नेता के रूप में कम महत्व मिलने की आशंका होने लगी थी.
दूसरी ओर जदयू से दलित नेता के चले जाने और लोजपा नेता चिराग पासवान के विरोधी रुख से मांझी को एनडीए में दलित नेता के रूप में अधिक जगह मिलने की उम्मीद दिखी. वहीं, महागठबंधन में जाने के बाद मांझी की पार्टी लगातार कमजोर हो रही थी.
महाचंद्र सिंह, भीम सिंह और नरेंद्र सिंह जैसे कद्दावर नेताओं ने पार्टी छोड़ दी
नीतीश मिश्रा, वृषिण पटेल, महाचंद्र सिंह, भीम सिंह और नरेंद्र सिंह जैसे कद्दावर नेताओं ने पार्टी छोड़ दी. ऐसे में पार्टी में कोई बड़ा चेहरा नहीं बचा था. ऐसे में खुद को ही राजनीतिक तौर पर जीवित रखना बड़ा मुश्किल हो रहा था. इस बीच, तेजस्वी यादव पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को एकदम भाव नहीं दे रहे थे. यहां तक तक फोन पर भी बात नहीं करते थे.
जीतन राम मांझी ने समझ लिया कि अगर निर्णय नहीं लेंगे तो चुनाव में हमारी पार्टी कहीं की नहीं रहेगी. खुद की सीट बचाना भी मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में उन्होंने यू टर्न लेते हुए नीतीश कुमार से नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी.
ऐसे में एनडीए जुड़ने की तैयारियों के बीच हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि अभी इस मामले में कोई जानकरी नहीं है. लेकिन हम जल्द ही इसे लेकर प्रेस कांफ्रेंस करेंगे. और सारी जानकारी साझा करेंगे. दानिश ने मांझी और नीतीश की बैठक को लेकर कहा कि कब कौन किसके साथ जुड़ जाए. ये राजनीति में किसी को पता नहीं होता.
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश की तारीफ करते हुए कहा कि ये बात सच है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने राजद की सरकार से ज्यादा काम किया. मुख्यमंत्री ने लालू यादव के जंगलराज को ख़त्म कर दिया. तो उनसे बेहतर बिहार के लिए कोई और विकल्प है ही नहीं.
ऐसे में मुख्यमंत्री के साथ हुई इस बैठक के बाद ये साफ हो गया कि अब जीतनराम मांझी की पार्टी 2020 विधानसभा में एनडीए के साथ चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे. यह बैठक महज औपचारिकता थी क्योंकि मांझी की पार्टी ने पहले ही नीतीश कुमार के साथ जाने का फैसला कर लिया था. उनके महागठबंधन से अलग होने से पहले ही राजनीतिक गलियारे में चर्चा गर्म थी कि वो नीतीश कुमार के साथ जाएगा.
Political talks have not yet taken place, they are likely to be held soon. You will get to know on 30th: Hindustani Awam Morcha president Jitan Ram Manjhi on being asked about the possibility of alliance with JDU, after meeting Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/z84HYKX599
— ANI (@ANI) August 27, 2020