Bihar Assembly election 2020: महागठबंधन के छोटे दल बेचैन, हासिए पर रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा
By एस पी सिन्हा | Published: September 3, 2020 03:53 PM2020-09-03T15:53:03+5:302020-09-03T15:53:03+5:30
रालोसपा के कई नेताओं ने राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से मुलाकात की है. हालांकि जहर पीने वाले बयान को लेकर उपेंद्र कुशवाहा यह दावा कर चुके हैं कि लालू यादव से भी उनकी बात हुई है और महागठबंधन की एकजुटता और जीत सुनिश्चित करने के लिए जितना जहर होगा वह पीएंगे.
पटनाः सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन के घटक दलों की बेचैनी बढ़ गई है. तेजस्वी यादवकांग्रेस से और कांग्रेस नेता तेजस्वी यादव और लालू यादव से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन छोटे दलों से तेजस्वी यादव और लालू यादव खुद बातचीत नहीं कर रहे हैं.
उनके साथ फरियाने के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को तेजस्वी यादव ने लगा दिया है. अब जबकि चुनाव में वक्त कम है, ऐसे में रालोसपा के अंदर खाने सीटों की संख्या और सीट बंटवारे को लेकर बेचैनी बढ़ती जा रही है. इसबीच रालोसपा के कई नेताओं ने राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से मुलाकात की है. हालांकि जहर पीने वाले बयान को लेकर उपेंद्र कुशवाहा यह दावा कर चुके हैं कि लालू यादव से भी उनकी बात हुई है और महागठबंधन की एकजुटता और जीत सुनिश्चित करने के लिए जितना जहर होगा वह पीएंगे.
महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर फार्मूला करीब-करीब तय हो चुका
वहीं, चर्चा है कि राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर फार्मूला करीब-करीब तय हो चुका है. फार्मूला दो स्तरीय है. फार्मूले के तहत राजद अपने कोटे से वीआइपी व वाम दलों को सीटें देगा, जबकि कांग्रेस कोटे में निर्धारित सीटों में ही रालोसपा की हिस्सेदारी होगी.
जानकारों की मानें तो राजद कोटे से तीनों साम्यवादी दल मसलन सीपीआइ, सीपीएम और भाकपा- माले को सीटें दी जा सकती हैं. दो सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा और कुछ सीटें मुकेश सहनी नेतृत्व वाली वीआइपी दल को दी जायेंगी. राजद ने अपने ही कोटे से बीएसपी और दूसरे छोटे -छोटे दलों के लिए भी कुछ सीटें रखी हैं. जिन्हें रणनीति के तहत महागठबंधन का हिस्सा बनाया जा सकता है. इस तरह राजद खुद करीब 130 से 135 सीटों पर उतर सकता है.
महागठबंधन का दूसरे बडे़ दल कांग्रेस को अपने कोटे से रालोसपा को संतुष्ट करना
महागठबंधन का दूसरे बडे़ दल कांग्रेस को अपने कोटे से रालोसपा को संतुष्ट करना है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक दोनों बडे दलों में इस बात पर सहमति है कि सीट का आवंटन का आधार दलों के पास विधानसभा क्षेत्र विशेष में उम्मीदवारी योग्य चेहरा होना चाहिए. अगर किसी भी दल के पास क्षेत्र विशेष में जाना- पहचाना चेहरा नहीं है तो उसे किसी भी सूरत में टिकट नहीं दिया जायेगा.
इस सिद्धांत के आधार पर कैडर शून्य पार्टियां राजद या कांग्रेस से मोलभाव करने की स्थिति नहीं हो पायेंगी़. चर्चा है कि महागठबंधन के सूत्रधार लालू प्रसाद ने इस फार्मूले को ही सीट बंटवारे का आधार बनाया है. दरअसल राजद प्रमुख का मानना है कि आर -पार की लडाई में सिर्फ उम्मीदवार अहम होगा.
राजद सूत्रों के मुताबिक ऐसा संभव ही नहीं है
इधर, राजद सूत्रों ने दो टूक खंडन किया है कि उनकी पार्टी से असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी एआइएमआइएम से कोई बात हुई है. राजद सूत्रों के मुताबिक ऐसा संभव ही नहीं है. लेकिन महागठबंधन के लिए जहर पीने वाले उपेंद्र कुशवाहा को तेजस्वी की मुख्यमंत्री उम्मीदवारी नहीं पच रही है.
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा है कि महागठबंधन का चेहरा कौन होगा यह अभी तय नहीं है, महागठबंधन के लोग बैठकर तय करेंगे. उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा है महागठबंधन में शामिल हर दल में सीएम बनने के योग्य लोग मौजूद हैं.
जाहिर है उपेंद्र कुशवाहा का यह बयान यह संकेत देता है कि भले ही महागठबंधन की एकजुटता का दावा किया जा रहा हो, लेकिन तेजस्वी की मुख्यमंत्री उम्मीदवारी पर कलह अभी खत्म नहीं हुई है. राजद तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर चुकी है और कई बार यह साफ कर चुकी है कि महागठबंधन में सभी दलों को तेजस्वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार मानना होगा. ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा की तरफ से आने वाला यह बयान राजद और रालोसपा के बीच के टकराव को बढ़ा सकता है.