Bihar Assembly election 2020: सीएम सोरेन बोले- हमें दो नहीं 12 सीट चाहिए, लालू यादव पर दबाव, मुसीबत में राजद
By एस पी सिन्हा | Published: September 29, 2020 03:07 PM2020-09-29T15:07:45+5:302020-09-29T15:07:45+5:30
झामुमो ने भी पड़ोसी राज्य बिहार में भाग्य आजमाने का निर्णय लिया है. पार्टी बिहार में राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर करीब एक दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है. कहा जा रहा है कि झामुमो ने राजद पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में उसे भी 12 सीटें दी जायें.
पटनाः बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता और रांची में सजा काट रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को नियम के विरुद्ध छूट दिये जाने के एवज में झारखंड में सत्तारूढ़ दल झामुमो अब बिहार में भी राजद से लाभ लेना चाहती है.
इसी कड़ी में झामुमो ने भी पड़ोसी राज्य बिहार में भाग्य आजमाने का निर्णय लिया है. पार्टी बिहार में राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर करीब एक दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है. कहा जा रहा है कि झामुमो ने राजद पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में उसे भी 12 सीटें दी जायें. यही नहीं झामुमो ने चुनौती देते हुए कहा है कि अगर राजद सम्मानजक सीटें नहीं देती है तो वह अकेले चुनाव लड़ जाएगी. हालांकि राजद की ओर से झामुमो के लिए सिर्फ दो से तीन सीट छोड़ने की बात की जा रही है, इसलिए फिलहाल सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है.
झामुमो नेता मनोज पांडेय ने कहा कि हमलोगों ने झारखंड में एक साथ चुनाव लड़ा था. उसी तरह से बिहार में चुनाव लड़ा जाए तो रिजल्ट बेहतर होगा. 10-12 सीटों को हमलोगों ने चिन्हित किया है. उस पर राजद विचार करे. जिस तरह से हमलोगों ने झारखंड में गठबंधन धर्म का पालन किया उसी तरह से अब राजद गठबंधन धर्म का पालन बिहार में करे.
लालू प्रसाद यादव से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुलाकात की थी
यहां बता दें कि कुछ दिन पहले ही लालू प्रसाद यादव से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुलाकात की थी. मुलाकात के दौरान सीटों को लेकर बातचीत हुई थी. तीन दिन पहले ही हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन भी लालू प्रसाद यादव से जाकर मुलाकात की थी, लेकिन मुलाकात के बारे में जानकारी नहीं दी. लेकिन बताया जा रहा है कि सीटों को लेकर राजद पर झामुमो दबाव बनाए हुए है.
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रीमो भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी की बिहार इकाई चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है, संगठन की ओर से जीत की संभावना और मजबूत जनाधार वाले सीटों पर प्रत्याशी उतारने की रणनीति बनाई गई है. उन्होंने बताया कि पार्टी गठबंधन के तहत चुनाव मैदान में उतरेगी या फिर अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी, इसका फैसला 24 घंटे से लेकर 48 घंटे में हो जाएगा.
इधर, चुनाव आयोग ने झारखंड की तरह बिहार विधानसभा चुनाव में झामुमो को तीर-धनुष चुनाव चिह्न देने से इंकार कर दिया है. ऐसे में पार्टी छडी चुनाव चिह्न से विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरेगी. इससे पहले झारखंड विधानसभा चुनाव में भी आयोग ने जदयू को तीर चुनाव चिह्न देने से इंकार दिया था और पार्टी ने ट्रैक्टर चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा था.
यहां उल्लेखनीय है कि बिहार के कुछ विधानसभा सीटों पर पहले से ही झामुमो का प्रभाव रहा है और अलग झारखंड राज्य गठन के बावजूद झामुमो के एक-दो उम्मीदवार पहले भी वहां से निर्वाचित होते रहे हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में झामुमो के साथ राजद का गठबंधन हुआ था
. इस गठबंधन में झामुमो, कांग्रेस और राजद पार्टी शामिल थी. झामुमो ने राजद को सात सीटें दी थी, लेकिन राजद मात्र एक सीट पर चुनाव जीत पाई थी. राजद के एक विधायक को भी झामुमो ने मंत्री बना दिया है. ऐसे में अब झामुमो बिहार में राजद के सहारे अपना पांव पसारना चाहती है.