बिहार: किसानों के समर्थन में महागठबंधन दल के नेताओं ने बनाई मानव श्रृंखला, लेकिन नहीं मिली अपेक्षाकृत सफलता

By एस पी सिन्हा | Published: January 30, 2021 03:05 PM2021-01-30T15:05:14+5:302021-01-30T15:05:31+5:30

कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में बिहार में महागठबंधन दल के नेताओं ने मानव श्रृंखला बनाई, लेकिन अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिली...

Bihar: Alliance leaders formed human chain in support of farmers, but did not get success | बिहार: किसानों के समर्थन में महागठबंधन दल के नेताओं ने बनाई मानव श्रृंखला, लेकिन नहीं मिली अपेक्षाकृत सफलता

बिहार: किसानों के समर्थन में महागठबंधन दल के नेताओं ने बनाई मानव श्रृंखला, लेकिन नहीं मिली अपेक्षाकृत सफलता

केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में महागठबंधन दल के नेताओं के द्वारा आज बिहार में मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया. लेकिन यह मानव श्रृंखला पूरी तरह से फेल हो गई और तेजस्वी ने मंसूबों पर पानी फिर गया. इस मानव श्रृंखला अपेक्षाकृत भीड़ नही जुटने से यह मात्र कुछ जगहों पर सिमट कर रह गया.

आज के मानव श्रृंखला का तेजस्वी यादव ने आवाहन किया था. लेकिन इस श्रृंखला में शामिल होने के लिए बहुत कम लोग ही राजधानी पहुंचे. वहीं जो पहुंचे वे भी इस भीषण ठंड में ठिठुरते दिखे. आज के मानव श्रृंखला का तेजस्वी यादव ने आवाहन किया था. लेकिन इस श्रृंखला में शामिल होने के लिए बहुत कम लोग ही राजधानी पहुंचे. वहीं जो पहुंचे वे भी इस भीषण ठंड में ठिठुरते दिखे.

यहां बता दें कि इस श्रृंखला को लेकर राजद ने दावा किया था कि ये श्रृंखला ऐतिहासिक होगी. हालांकि राजधानी पटना में तेजस्वी यादव की अगुवाई में केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में बिहार में महागठबंधन दल के नेताओं ने बनाई मानव श्रृंखला, लेकिन नही मिली अपेक्षाकृत सफलता

महागठबंधन के नेता-कार्यकर्ता कतारों में खडे हुए और किसानों की आवाज को बुलंद किया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पटना के बुद्ध स्मृति पार्क के समीप मानव श्रृंखला बनाई. यहां पर कांग्रेस की तरफ से विधायक दल के नेता अजित शर्मा, राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह समेत अन्य नेता कतार में खडे हुए. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुद्ध स्मृति पार्क के पास मानव श्रृंखला में शामिल होते हुए कहा कि महागठबंधन के लोग किसानों के संघर्ष में उनके साथ खडे हैं. केंद्र सरकार पूंजी पतियों के साथ है. उन्होंने कहा कि बिहार में 2006 से ही किसानो की हक मारी हो रही है. तेजस्वी यादव ने कहा कि काले कानूनों की वापसी तक संघर्ष जारी रहेगा.

राज्य के अलग-अलग जिलों में भी मानव श्रृंखला में लोग शामिल हुए। महागठबंधन के नेताओं ने कहा कि मानव श्रृंखला के जरिए लोगों को कृषि बिलों की खामियां भी समझाई जाएंगी. नेताओं ने कहा कि बिहार के किसान ट्रेनें कम चलने से आंदोलन में भाग नहीं ले पाए हैं.

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि कृषि कानूनों के जरिए किसानों की जमीन पूंजीपतियों को सौंपने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि बचपन से जय जवान-जय किसान का नारा सुनते आए थे. लेकिन भाजपा सरकार फंडदाताओं के लिए जवान और किसान को ही आपस में लडवा रही है. महागठबंधन शुरुआत से किसानों के संघर्ष में साथ खडा है. उन्होंने कहा कि सरकार यह भूल गई है कि जवान भी किसान परिवारों से ही हैं. उनमें भी आक्रोश है. उन्होंने दावा किया कि जब राजद की सरकार थी तो एमएसपी से भी अधिक दाम में फसल खरीद हुई थी.

नीतीश कुमार ने 2006 में मंडी व्यवस्था खत्म की तो किसान मजदूर बन गये. अगर केंद्र के कृषि कानून लागू हुए तो किसान भिखारी बन जाएंगे. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के साथी पूछना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं? उन्हें बताना चाहिए कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं या नहीं? तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि सरकार लोकतंत्र का गला घोंटने में लगी है. हम लोग एकजुट होकर जनहित के मुद्दों पर आवाज बुलंद करते रहेंगे.

यहां बता दें कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि केंद्र सरकार के बिल के खिलाफ और किसानों के समर्थन में बिहार में ऐतिहासिक मानव श्रृंखला बनेगी. तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को पटना में कांग्रेस समेत वाम दल के नेताओं के साथ बैठक की थी और कार्यक्रम को लेकर मंत्रणा हुई थी.

विपक्ष के इस कार्यक्रम की महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के एम्स में भर्ती लालू प्रसाद यादव की तबीयत खराब होने के बावजूद तेजस्वी यादव वापस बिहार लौटे हैं. उन्होंने इस कार्यक्रम की सफलता के लिए महागठबंधन के नेताओं के साथ बैठक कर पूरी ताकत झोंक दी. तेजस्वी की इस मुहिम को भाकपा (माले) और कांग्रेस के साथ साथ महागठबंधन की दूसरी पार्टियों का भी साथ तो मिला है. लेकिन इसके बावजूद यह श्रृंखला फेल दिखाई दे रही है. इससे पहले राजद ने मानव श्रृंखला बनाने के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं लेने की खबर सामने आई. हालांकि राजद नेताओं का ये दावा था कि उन्होंने अनुमति ली, लेकिन नीतीश सरकार बिल्कुल नहीं चाहती की यह श्मानव श्रृंखला बने.

वहीं, राजद के मानव श्रृंखला पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तंज कसते हुए कहा है कि चलिए अब तो ये लोग भी मानने लगे न मानव श्रृंखला का महत्व. महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर गांधी घाट पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद की मानव श्रृंखला पर तंज कसते हुए कहा कि अब ये लोग भी मानव श्रृंखला का महत्व समझने लगे न.... सबसे पहले हमलोगों ने मानव श्रृंखला की शुरूआत की. सबसे पहले हमलोगों ने शराबबंदी पर मानव श्रृंखला का दूसरी दफे दहेज प्रथा-बाल विवाह और तीसरी बार जल-जीवन-हरियाली को लेकर मानव श्रृंखला बनाई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सबको मानव श्रृंखला बनाने का अधिकार है. कोई बात नहीं है. मुख्यमंत्री ने 26 जनवरी को लाल किले पर हुए उपद्रव की कडी निंदा की और कहा कि विरोध का ये तरीका उचित नहीं है. इसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है. मांग मनवाने का ये तरीका कतई उचित नहीं कहा जा सकता.

उधर, जदयू विधान पार्षद नीरज कुमार ने आरोप लगाया है कि धरती मां रो रही हैं, क्योंकि मानव श्रृंखला की बात वैसे लोग कर रहे हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में गरीब-किसानों को नौकरी के नाम पर गुमराह कर उनकी जमीन खुद के नाम लिखवाई. अपने नाबालिग बच्चों के नाम भी जमीन लिखवाने से बाज नहीं आए जो कि आज नेता प्रतिपक्ष के पद पर काबिज हैं. उसमें भी फर्जीवाडा यह किया गया कि नाबालिग के नाम पर जमीन लिखवाते-लिखवाते एक फर्जी नाम पर भी जमीन लिखाए गए और आज वही राजनीतिक मुद्दों पर मानव श्रृंखला बनाने का शिगूफा छोड रहे हैं. नीरज कुमार ने कहा कि इन्हें चाहिए था कि ये अर्जित संपत्ति की जो श्रृंखला है उस पर खडे होकर कहते कि देखिए हमने बेशुमार किसानों की संपत्ति अर्जित करके राजनीति में जो मापदंड स्थापित किया है, उससे धरती मां क्रंदन कर रही हैं.

Web Title: Bihar: Alliance leaders formed human chain in support of farmers, but did not get success

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे