नई दिल्ली: राम जन्मभूमि शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर अब सबकी निगाह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर टिक गई है. अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री ठाकरे 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा और आरएसएस के नेताओं की मौजूदगी में राम मंदिर शिलान्यास समारोह में शामिल होते हैं या नहीं.
ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राममंदिर ट्रस्ट ने शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अन्य नेताओं के साथ आमंत्रित किया है, लेकिन अभी कोई भी शिवसेना नेता इसकी पुष्टि करना नहीं चाहता.
संजय राउत ने कहा- बुलाया तो जाएंगे
इस मामले में शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्य सांसद संजय राउत ने लोकमत समाचार को बताया कि राम मंदिर निर्माण में हमारी भी महत्वपूर्ण भूमिका है और यह दिन हमारी तपस्या का भी परिणाम है. यदि हमें बुलाया गया तो हम जरूर जाएंगे. उन्होंने याद दिलाया कि शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर अयोध्या गए थे.
वहीं, शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने कहा कि राम मंदिर हमारा सपना है और अब यह सच होने जा रहा है. मंदिर निर्माण हमारी इच्छा और महत्वाकांक्षा है. तो ऐसे में हम क्यों नहीं जाएंगे? सावंत ने लोकमत समाचार को सोमवार शाम बताया कि अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे स्वयं लेंगे. शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने अपनी राय व्यक्त कर दी है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साधी चुप्पी
राज्य की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों और कोविड-19 के प्रसार और मौत के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अयोध्या दौरे पर भाजपा, आरएसएस नेताओं के साथ कार्यक्रम में शामिल होने पर चुप्पी साध रखी है.
कुछ जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री ठाकरे के पास एनसीपी, कांग्रेस को संदेश देने का अच्छा मौका है, जिसे उन्हें जाया नहीं करना चाहिए.
एनसीपी नेता शरद पवार का हालिया बयान काफी चर्चा में है, जिसमें उन्होंने कहा कि देश कोविड-19 से लड़ रहा है और प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर में व्यस्त हैं. पवार के इस बयान ने आग में घी डालने का काम किया है. पवार ने यह भी कहा कि राम मंदिर शिलान्यास से कोरोना नहीं चला जाएगा. वहीं, कांग्रेस भी इस मुद्दे पर बेचैन नजर आ रही है.