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CM गहलोत ने फिर दिया 'भूलो और माफ करो' वाला तर्क, कहा-'कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी के...'

By पल्लवी कुमारी | Updated: August 13, 2020 14:41 IST

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार (13 अगस्त) को उम्मीद जताई है कि 14 अगस्त से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के सत्र में विभिन्न मुद्दों पर खुलकर चर्चा होगी। उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि पक्ष और विपक्ष दोनों से पूरा सहयोग मिलेगा।

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ठळक मुद्देसीएम अशोक गहलोत गुरुवार को विधानसभा सत्र से पहले विधायकों के साथ रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं लेकिन इसके लिए सचिन पायलट को नहीं बुलाया गया है।अशोक गहलोत के खेमे के कई विधायक सचिन पायलट की वापसी से खुश नहीं हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी विधायक दल की बैठक में भी जाहिर की है। अशोक गहलोत VS सचिन पायलट वाले मुद्दे की जांच के लिए कांग्रेस हाईकमान ने एक तीन सदस्यी समिति का गठन किया है।

जयपुर: राजस्थान में तकरीबन डेढ महीने से चल रहे सियासी संकट का कल (शुक्रवार 14 अगस्त) विधानसभा सत्र के साथ अंत हो जाएगा। लेकिन इस बीच सचिन पायलट के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद सीएम अशोक गहलोत कई बार 'भूलो और माफ करो' तर्क दे चुके हैं। आज (13 अगस्त) फिर अशोक गहलोत ने इसी तर्क को दोहराया और कहा कि ये सब लोकतंत्र बचाने की अपील है।

अशोक गहलोत ने गुरुवार को ट्वीट किया, ''कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी के नेतृत्व में डेमोक्रेसी को बचाने की है, पिछले एक माह में कांग्रेस पार्टी में आपस में जो भी नाइत्तेफाकी हुई है, उसे देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में हमें फॉरगेट एंड फॉरगिव, आपस में भूलो और माफ करो और आगे बढ़ो की भावना के साथ डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई में लगना है।''

अशोक गहलोत ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''मैं उम्मीद करता हूं कि फॉरगेट एंड फॉरगिव की भावना के साथ सेव डेमोक्रेसी हमारी प्राथमिक होनी चाहिए। देश में वन बाई वन चुनी हुई सरकारों को तोड़ने की जो साजिश चल रही है, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों में सरकारें जिस तरह टॉपल की जा रही हैं, ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, ज्यूडिशियरी का जो दुरूपयोग हो रहा है ये डेमोक्रेसी को कमजोर करने का बहुत डेंजरस गेम है।''

विधानसभा सत्र को लेकर अशोक गहलोत ने जताई ये उम्मीद

इससे पहले अशोक गहलोत ने ट्वीट किया था, 14 अगस्त को विधानसभा शुरू हो रही है, मुझे उम्मीद है इस दौरान प्रदेश में कोरोना की स्थिति, लॉकडाउन के बाद में आर्थिक रूप से जो स्थिति बनी है उसे लेकर खुलकर चर्चा कर सकेंगे। मुझे विश्वास है सुशासन देने में पक्ष-विपक्ष सभी का सहयोग मिलेगा, प्रदेश की जनता में नया कॉन्फिडेंस पैदा होगा।

15वीं राजस्थान विधानसभा का पांचवां सत्र शुक्रवार 14 अगस्त सुबह 11 बजे से शरू होगा। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने इसको लेकर जुलाई महीने के आखिरी में आदेश दिए थे।

सचिन पायलट के बगावती तेवर को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया है। हांलाकि सोमवार (10 अगस्त) को सचिन पायलट और उनके खेमे के 18 विधायकों की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात हुई है। जिसके बाद अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट वाले मुद्दे की जांच के लिए एक तीन सदस्यी समिति का गठन किया गया है।

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