आसनसोल हिंसाः मोदी सरकार में मंत्री बाबुल के खिलाफ FIR दर्ज, IPS अफसर से बदसलूकी का लगा आरोप
By रामदीप मिश्रा | Updated: March 29, 2018 23:42 IST2018-03-29T23:42:18+5:302018-03-29T23:42:18+5:30
केंद्रीय राज्य मंत्री एवं आसनसोल से सांसद सुप्रियो की कार को पश्चिम बर्धमान जिले के रेलपुर इलाके में प्रवेश से रोक दिया गया। पुलिस ने इसके लिए सुरक्षा कारणों का हवाला दिया।

आसनसोल हिंसाः मोदी सरकार में मंत्री बाबुल के खिलाफ FIR दर्ज, IPS अफसर से बदसलूकी का लगा आरोप
कोलकाता, 29 मार्चः पश्चिम बंगाल के आसनसोल में तनाव की स्थिति बनी हुई है। बुधवार को केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता को पुलिस ने आसनसोल-रानीगंज इलाके में जाने से रोक दिया। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही उन पर आरोप है कि उन्होंने धारा 144 का उल्लंघन किया है।
खबरों के अनुसार, उत्तर आसनसोल पुलिस स्टेशन में बाबुल सुप्रियो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। बाबुल सुप्रियो पर धारा144 तोड़ने और एक आईपीएस अधिकारी से बदसलूकी का भी आरोप लगाया गया है।
Asansol violence: Babul Supriyo booked for assaulting officer
— ANI Digital (@ani_digital) March 29, 2018
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बताया जा रहा है कि केंद्रीय राज्य मंत्री एवं आसनसोल से सांसद सुप्रियो की कार को पश्चिम बर्धमान जिले के रेलपुर इलाके में प्रवेश से रोक दिया गया। पुलिस ने इसके लिए सुरक्षा कारणों का हवाला दिया। इसके बाद उनकी एक आईपीएस अधिकारी से बहस हो गई। हालांकि गुस्से से तमतमाए बाबुल अपनी गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए।
इस दौरान कुछ लोगों ने मंत्री के खिलाफ कथित रूप से नारेबाजी की और उनसे तत्काल इलाका छोड़ने की मांग की। टीवी चैनलों ने उन्हें पुलिसकर्मियों के साथ बहस करते हुए दिखाया है, जिन्होंने उनके वाहन को घेर लिया था। पुलिस ने पश्चिम बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी को भी दुर्गापुर में रोक लिया। वह भी रानीगंज जा रही थीं। विरोधस्वरूप वह धरने पर बैठ गयीं।
मंत्री सुप्रियो ने दावा किया कि केवल केंद्रीय बलों की तैनाती के जरिए इलाके में शांति बहाल की जा सकती है और स्थानीय लोगों का पुलिस पर विश्वास नहीं रह गया है। जन प्रतिनिधि होने के नाते मुझे अपने संसदीय क्षेत्र में जाने का पूरा हक है और खासकर ऐसे समय जब लोग दिक्कत में हैं। यह मेरा कर्तव्य है, लेकिन पुलिस कह रही है कि मुझे इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि इलाके में धारा144 लागू है। मंत्री होने के नाते मैं नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह को घटना की जानकारी देंगे। दोनों घटनाओं के बारे में पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा सूबे में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति भंग करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि जब इलाके में पुलिस गश्त कर रही है तो वे रानीगंज क्यों जाना चाहते हैं? क्या वे पिछले दो दिनों की हिंसा से संतुष्ट नहीं हैं।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आसनसोल नगर निगम के महापौर जितेंद्र तिवारी ने सुप्रियो पर इलाके में शांति भंग करने का आरोप लगाया। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली से लौटने के बाद सचिवालय में उच्च-स्तरीय बैठक की। मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी और एडीजीपी( कानून- व्यवस्था) ने बैठक में हिस्सा लिया। सीएम ममता ने आसनसोल-रानीगंज इलाके में हिंसा को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की।
आपको बता दें कि आसनसोल-रानीगंज इलाके में रामनवमी के जुलूस को लेकर शुरू हुई हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। रानीगंज में रामनवमी की एक रैली को लेकर रविवार और सोमवार को दो समूहों के बीच हुई झड़प के बाद इलाके में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया और सीआरपीसी की धारा144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई। पुलिस ने बताया कि बुधवार रात से इलाके में हिंसा की कोई खबर नहीं मिली है और स्थिति नियंत्रण में है।
(इनपुट-भाषा)