नई दिल्ली:एआईएमआईएम नेता व सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी व नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष दल एक तरफ मुस्लिम-विरोधी पद नहीं ले सकते हैं और दूसरी ओर उनसे हमारी निष्पक्ष निष्ठा की अपेक्षा करते हैं। उन्हें हिंदुत्व के खिलाफ खड़ा होना होगा और भाजपा की रणनीति को सक्रिय रूप से चुनौती देना होगा।
इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष दलों की बौद्धिक बेईमानी ही हिंदुत्व को मजबूत करेगी। इस तरह असदुद्दीन ओवैसी ने न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी बल्कि कांग्रेस के धर्मनिरपेक्षता पर भी निशाना साधा है। यह पहली बार नहीं है जब ओवैसी ने धर्मनिरपेक्षता को लेकर राजनीतिक दलों पर हमला किया है। इससे पहले भी वो हमला करते रहे हैं।
राम मंदिर भूमि पूजन को असदुद्दीन ओवैसी ने धर्मनिरपेक्षता की हार बताया-
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन कर ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ का शिलान्यास करने के मामले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी की बयान ने बयान दिया था।
उन्होंने कहा, भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। प्रधानमंत्री ने राममंदिर की आधारशिला रखकर कार्यालय की शपथ का उल्लंघन किया है। यह लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की हार और हिंदुत्व की सफलता का दिन है।'
ओवैसी ने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री ने आज कहा कि वह भावुक थे। मैं कहना चाहता हूं कि मैं भी उतना ही भावुक हूं क्योंकि मैं सह-अस्तित्व और नागरिकता की समानता में विश्वास करता हूं। प्रधानमंत्री, मैं भावुक हूं क्योंकि एक मस्जिद 450 वर्षों से वहां खड़ी थी।'
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था बाबरी मस्जिद थी है और रहेगी-
बता दें कि राम मंदिर निर्माण की शुरूआत से पहले किए गए भूमि पूजन पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि 'बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी इंशाल्लाह।' साथ ही साथ 'उन्होंने बाबरी जिन्दा है' (#BabriZindaHai) का हैशटैग ट्वीट किया था।
इसके साथ ही ओवैसी ने पीएम नरेंद्र मोदी के इस भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लेने को लेकर भी सवाल उठाया था। ओवैसी ने कहा था कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को किसी धर्म से जुड़े मंदिर के शिलान्यास में हिस्सा नहीं लेना चाहिए। ओवैसी की मानें तो ऐसा कर पीएम मोदी ने संविधान में लिखे धर्मनिरपेक्षता की बात को नहीं माना है।