अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायक भाजपा में शामिल, जानिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्या कहा

By एस पी सिन्हा | Published: December 26, 2020 02:10 PM2020-12-26T14:10:51+5:302020-12-26T14:12:18+5:30

26 नवंबर को जनता दल यूनाइटेड  ने "पार्टी विरोधी" गतिविधियों के लिए सियनग्जू, खर्मा और टाकू को कारण बताओ नोटिस जारी कर निलंबित कर दिया था।

arunachal pradesh 6 jdu mlas in the bjp bihar cm nitish kumar first reaction inclusion patna | अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायक भाजपा में शामिल, जानिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्या कहा

अरुणाचल प्रदेश में मिली विजय ने जदयू को वहां क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा दिलाया था। (file photo)

Highlightsनीतीश कुमार ने अरुणाचल प्रदेश में जदयू के विधायकों के भाजपा में शामिल होने को महत्व नहीं दिया।भाजपा के साथ उसका गठबंधन “बिहार तक ही सीमित है।”भाजपा और जदयू को आम आदमी पार्टी के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अरुणाचल प्रदेश में बड़ा झटका लगा है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सात में से छह विधायक सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए हैं।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश में जनता दल (यूनाइटेड) में टूट और उसके सात में से छह विधायकों के भाजपा में चले जाने को कोई महत्व नहीं दिया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार ने पूर्वोत्तर राज्य में हुए इस राजनीतिक परिवर्तन को एक मुस्कान के साथ खारिज कर दिया।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू ने 2019 के विधानसभा चुनावों में 15 में से सात सीटें जीतीं और भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, जिसने 41 सीटें हासिल की थीं। भाजपा के पास अब 60 सदस्यीय सदन में 48 विधायक हैं, जबकि जदयू के पास अब केवल एक है। कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार-चार सदस्य हैं।

हमारा ध्यान अपनी प्रस्तावित बैठक पर केंद्रित है

जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले पत्रकारों के सवाल के जवाब में कुमार ने कहा, “हमारा ध्यान अपनी प्रस्तावित बैठक पर केंद्रित है। वह अपने रास्ते चले गए हैं।” जदयू ने पिछले साल अरुणाचल विधानसभा चुनाव में सात सीटें जीती थी और वह मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी थी। जदयू कई राज्यों में भाजपा के समर्थन के बिना विधानसभा चुनाव लड़ रही है और दावा कर रही है कि भाजपा के साथ उसका गठबंधन “बिहार तक ही सीमित है।”

अपवाद के रूप में इस साल की शुरुआत में केवल दिल्ली विधानसभा का चुनाव था जिसमें जदयू ने भाजपा के साथ गठबंधन कर प्रत्याशी उतारे थे। हालांकि इस चुनाव में भाजपा और जदयू को आम आदमी पार्टी के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।

अरुणाचल प्रदेश में मिली विजय ने जदयू को वहां क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा दिलाया था

अरुणाचल प्रदेश में मिली विजय ने जदयू को वहां क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा दिलाया था। इस बीच राजद-कांग्रेस गठबंधन का आरोप है कि अरुणाचल प्रदेश में जो कुछ भी हुआ वह बिहार में होने वाले परिवर्तन का संकेत है जहां जदयू गठबंधन में बड़ी पार्टी की भूमिका खो चुकी है।

राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने अपने बयान में कहा, “गठबंधन धर्म का उल्लंघन कर भाजपा ने संदेश दे दिया है कि वह नीतीश कुमार को महत्व नहीं देती। वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार इस पर प्रतिक्रिया देने से भी घबरा रहे हैं।”

तिवारी ने यह भी दावा किया कि हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में राज्य के दो उप मुख्यमंत्रियों तार किशोर प्रसाद और रेनू देवी को बताया गया है कि बिहार के लोगों ने भाजपा में विश्वास जताया है जिसके चलते पार्टी को ज्यादा सीटें मिली हैं।

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