अमित शाह ने कहा- बिहार की जनता ने मोदी की झोली को पहले भी वोटों से भरा है, आगे भी भरेगा
By अनुराग आनंद | Published: June 7, 2020 04:33 PM2020-06-07T16:33:20+5:302020-06-07T16:40:20+5:30
अमित शाह ने कहा कि बिहार की जनता के सामने जब भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झोली को पहले भी वोटों से भरा है, आगे भी भरेगा।
पटना: देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले के बीच आज (रविवार) को अमित शाह ने वर्चुअल रैली के माध्यम से बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का शंखनाद कर दिया है। अमित शाह ने कहा कि इंदिरा गांधी ने जब इमरजेंसी लगाकर लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास किया तब इसी बिहार से उठी आंदोलन की आवाज ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया था।
तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि राजद ने देर से ही सही लेकिन थाली बजाकर पीएम नरेंद्र मोदी की बात मान ली है। उन्होंने कहा कि ये चुनावी रैली नहीं है, यह रैली देश के करोड़ों लोगों को कोरोना संक्रमण के खिलाफ की लड़ाई से जोड़ने की रैली है। जो लोग इसका विरोध करते हैं वह सभी लोग वक्रद्रष्टा लोग हैं। उन्होंने कि भाजपा अध्यक्ष ने 75 वर्चुअल रैली का आयोजन किया है। इसके माध्यम से देश के अलग-अलग हिस्सा से जुड़ने का प्रयास किया जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि बिहार की जनता के सामने जब भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झोली को पहले भी वोटों से भरा है, आगे भी भरेगा। उन्होंने कहा कि 2014 और 2019 में एनडीए को जनादेश देकर सरकार बनाने में योगदान के लिए बिहार की जनता को धन्यवाद कहना चाहता हूं।
तेजस्वी यादव ने भाजपा के ‘वर्चुअल’ रैली पर ये कहा-
तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा ‘वर्चुअल’ रैली के ढोंग से ‘एक्चुअल’ सच्चाई को छिपाना चाहती है. किसान और मजदूर भूखे मर रहे हैं. गरीबों की थाली खाली है. सरकार को इसकी चिंता नहीं है. सत्ता पाने के लिए चुनावी राजनीति में जुटी हुई है. इस दौरान तेजस्वी यादव ने जदयू और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि 12 करोड़ लोग बेरोजगार है.
कोरोना काल में 13 करोड बीपीएल में हो चुके है. पूरे बिहार में हाहाकार मचा हुआ है और भाजपा के नेता रैली कर रहे हैं. इनलोगों को गरीबों की चिंता नहीं है. डिजिटल का इस्तेमाल गरीबों को खाना पहुंचाने और इलाज में करना चाहिए था, लेकिन भाजपा और जदयू सत्ता की भूख है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में पहले से ही सात करोड लोग बेरोजगार है. जो पुलिस मुख्यालय के चिट्ठी में लिखी हुई बात है. वह नीतीश कुमार के एक-एक शब्द है. अमित शाह और नीतीश कुमार मजदूरों से माफी मांगनी चाहिए. दोनों से पूछना चाहते हैं कि दोनों ने लॉकडाउन में बेरोजगार प्रवासी मजदूरों के लिए क्या किया है?
अमित शाह और नीतीश कुमार मजदूरों को सम्मान नहीं दे सकते हैं तो कम से कम चोर, गुंडा और अपराधी कहकर उनका अपमान ना करें. यहां बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के विधायकों के साथ ताली बजाकर सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है.
राबड़ी देवी के आवास के बाहर इकट्ठा हुए राजद नेता-
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी के नेता इकट्ठा हुए और उन्होंने थाली बजाई. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी के आवास के बाहर तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी के नेता इकट्ठा हुए और उन्होंने थाली बजाई.तेजस्वी यादव ने बिहार में गरीब अधिकार दिवस मनाने का एलान किया था. जिसके बाद पार्टी ने राज्य भर में इसके लिए बडे पैमाने पर तैयारी की गई थी. हर जिले में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता समर्थकों ने गरीबों के साथ थाली और कटोरा बजाया.
बिहार में मजदूरों की स्थिति और खासतौर पर कोरोना काल में उनकी परेशानियों को देखते हुए तेजस्वी ने या पूरा आयोजन किया था. तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति में मजदूरों को एक नए वोट बैंक की तरह लेकर चलना चाहते हैं लिहाजा उनके निशाने पर नीतीश सरकार है.वहीं, बिहार के सभी वाम दल भाजपा के वर्चुअल रैली के विरोध में आज विश्वासघात धिक्कार दिवस मनाया.