नई दिल्ली, 25 मार्च। एनडीए से नाता तोड़ चुकी तेलुगु देशम पार्टी के बाद अब गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने भी मोदी सरकार को बड़ा झटका दिया है। पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सहयोगी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने शनिवार को बीजेपी और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए एनडीए से गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने बीजेपी पर गोरखाओं का विश्वास तोड़ने का आरोप लगाया है।
इस मामले में जीजेएम के ऑर्गेनाइजिंग चीफ एलएम लामा का कहना है कि अब उनकी पार्टी का एनडीए से कोई रिश्ता नहीं हैं। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के हालिया बयान से बेहद खफा है। इस बयान में दिलीप घोष ने कहा था कि उनकी पार्टी का गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के साथ सिर्फ चुनावी गठबंधन है।
बता दें कि अलग गोरखालैंड राज्य की मांग कर जीजेएम ने दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर 2009 और 2014 के चुनाव में बीजेपी को मदद की थी जिसके बाद प्रत्याशी जसवंत सिंह और एसएस अहलुवालिया ने जीत दर्ज करने में कामयबा रहे थे। गोरखालैंड आंदोलन के दौरान राज्य सरकार द्वारा दर्ज किए गए कई गंभीर मामलों के चलते गुरुंग पिछले कई महीनों से फरार चल रहे हैं। ऐसे में विनय तमांग ने मौके की नजाकत को भांपते हुए एनडीए से नाता तोड़कर बीजेपी को एक बड़ा झटका दिया है।
बता दें कि बीजेपी के लिए पश्चिम बंगाल में सत्ता हासिल करने के लिए दार्जलिंग ने बड़ी भूमिका निभाई है और यह सब गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की मदद से संभव हुआ है। जीजेएम का आरोप है कि बीते कई सालों से यहां लोग उम्मीद कर रहे हैं कि उनके मुद्दों को सुलझाया जाएगा, लेकिन मोदी सरकार ने लोगों को सिर्फ धोखा दिया है। बीजेपी की वजह से आज दर्जलिंग में अविश्वास और राजनीति उथलपुथल का माहौल है।