मध्यप्रेदश में 15 साल बाद विपक्ष में बैठी बीजेपी, सत्र शुरु होते ही तेज हुई राजनीतिक सरगर्मी
By राजेंद्र पाराशर | Published: January 8, 2019 02:51 AM2019-01-08T02:51:02+5:302019-01-08T02:51:02+5:30
मध्यप्रदेश विधानसभा के आज से शुरु हुए सत्र में नजारा बदला-बदला था। विधायकों के सदन पहुंचने के शुरु हुए सिलसिला के साथ यहां राजनीतिक सरगर्मी भी तेज होती गई। सदन में आज 15 साल तक सत्ता पक्ष का सुख भोग चुकी भाजपा विपक्ष में बैठी नजर आई।
मध्यप्रदेश की 15 वीं विधानसभा के पहले सत्र में सोमवार( 7 जनवरी) 15 साल बाद भाजपा एक बार फिर विपक्ष में बैठी। सत्र की शुरुआत से ही राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई। प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने सदस्यों को शपथ दिलाई।
मध्यप्रदेश विधानसभा के आज से शुरु हुए सत्र में नजारा बदला-बदला था। विधायकों के सदन पहुंचने के शुरु हुए सिलसिला के साथ यहां राजनीतिक सरगर्मी भी तेज होती गई। सदन में आज 15 साल तक सत्ता पक्ष का सुख भोग चुकी भाजपा विपक्ष में बैठी नजर आई। भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं होने से शिवराज सिंह चौहान ही नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर आसीन रहे, हालांकि कल मंगलवार को सदन में उनका स्थान विपक्ष में दूसरे स्थान पर होने के आसार हैं। भाजपा की सरकार में जो मंत्री पद का निर्वाह कर रहे थे वे आज विपक्ष में बैठ कर शांत नजर आए। वहीं पूर्व संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा की सक्रियता दिखाई दी। वहीं विपक्ष में बैठने वाली कांग्रेस में मुख्यमंत्री के रुप में कमलनाथ पहले स्थान पर बैठे। लंबे समय से विपक्ष में बैठने वाले कांग्रेस विधायकों को आज सत्ता पक्ष का स्थान मिला,जिससे उनकी प्रसन्नता भी दिखाई दी।
शिवराज ने प्रोटेम स्पीकर पर जताई आपत्ति
सत्र की शुरुआत में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रोटेम स्पीकर के चयन पर अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने परंपरा का निर्वाह न करते हुए करीब चार बार के विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया, जबकि उनसे ज्यादा वरिष्ठ विधायक के।पी।सिंंह, गोपाल भार्गव, बिसाहूलाल सिंह और अन्य थे। चौहान ने कहा कि खुद मुख्यमंत्री लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर रह चुके हैं। इस पर संसदीय मंत्री डा। गोविंद सिंह ने बचाव का मोर्चा संभाला और कहा कि यह परंपरा नहीं है। ऐसा अन्य राज्यों में भी होता आया है। इस बीच नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में तो अब तक यही परंपरा का निर्वाह होता आया। इस पर प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने कहा कि परंपरा तो यह भी है कि शपथ से पहले नहीं बोलने की भी है।