Moria refugee camp: दूसरी बार आग लगने के बाद खाक, सड़क के किनारे खुले में सोकर रात काटी, see pics

By सतीश कुमार सिंह | Published: September 10, 2020 02:32 PM2020-09-10T14:32:53+5:302020-09-10T14:32:53+5:30

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यूनान के बेहद भीड़भाड़ वाले मोरिया शरणार्थी शिविर में दूसरी बार आग लगने से लगभग हर वह चीज भी जल कर खाक हो गई जो पहली आग में बच गई थी।

यूनान के प्रवास मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। इस घटना के बाद हजारों लोगों को तत्काल आवास की जरूरत है।

आज तड़के देश के सबसे बड़े शिविर के पूर्व निवासियों को इलाके में लौटते हुए देखा गया जो वहां अपने सामान के जले हुए अवशेष इकट्ठा करने गए थे और देख रहे थे कि वे क्या कुछ बचा सकते हैं। उनमें से कई ने सड़क के किनारे में खुले में सोकर रात काटी।

बृहस्पतिवार सुबह बहुत तेज हवा चलने के कारण शिविर के बाहर लगाए गए तंबाकू के अवशेषों में छोटी-छोटी आग भी फैलने लगी।

अधिकारियों ने कहा कि लेसबोस के द्वीप पर शिविर में लगी असली आग निवासियों द्वारा मंगलवार को जानबूझ कर लगाई गई जो 35 लोगों के संक्रमित मिलने के बाद कोविड-19 प्रकोप को रोकने के लिए लगाए गए पृथक-वास के नियमों से गुस्से में थे।

इस आग ने मोरिया में और उसके आस-पास रह रहे 12,000 से अधिक लोगों में से करीब 3,500 लोगों को बेघर कर दिया और अधिकारियों ने अस्थायी आपात आवास के रूप में तंबू लगाए हैं और दो नौसैन्य पोतों एवं एक नौका भी रहने के लिए उपलब्ध कराई है।

400 से अधिक अकेले बच्चों और किशोरों को बुधवार देर रात अन्य केंद्रों में रखने के लिए मुख्य भूमि तक लाया गया।

शिविर के बिना जले हिस्सों में बुधवार शाम को लगी नयी आग ने शिविर के शेष बचे बड़े हिस्से को नुकसान पहुंचाया और हजारों लोगों को उसे छोड़ कर जाना पड़ा।

सहायता एजेंसियों ने मोरिया में गंभीर स्थितियों की बहुत पहले चेतावनी दी थी। यह ऐसा केंद्र है जो महज 2,750 लोगों के रहने के लिए बनाया गया था।