1 / 6आश्विन महीने में आने वाली पूर्णिमा को कोजागिरी पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन चाँद अपनी 16 कलाओं के साथ चमता है और कहा जाता है कि आज ही के दिन चंद्रमा अमृत की बारिश करता है। कोजागिरी पूर्णिमा यानि शरद पूर्णिमा की शुरुआत 23 अक्टूबर यानि आज रात 10.36 बजे से 24 अक्टूबर को रात 10:14 बजे खत्म होगी।2 / 6कोजागिरी पूर्णिमा यानि शरद पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है।3 / 6कहते है कि शरद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण के लिए आते हैं।4 / 6जो लोग इस दिन रातभर जागरण करते वक़्त माता लक्ष्मी की अराधना करते हैं उन पर माता अपनी दृष्टि रखती हैं।5 / 6इस दिन प्रसाद के तौर पर खीर बनाई जाती है और खीर बना कर रातभर खुले आसमान के नीचे रख दें और सुबह इसी खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। कहते है कि रातभर खीर को खुले आसमान के नीचे रखने से यह अमृत हो जाती है।6 / 6इस दिन लक्ष्मीनारायण की पूजा करते वक़्त घी का दीपक जलाये और लक्ष्मी और इंद्र की अराधना करें। इस दिन आप ब्राह्मणों को खीर का भोजन भी करा सकते हैं।