Sawan Somwar Mahakal: बाबा महाकाल की भव्य सवारी, पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा, नंदी रथ पर श्री उमा महेश, देखें तस्वीरें

By बृजेश परमार | Published: August 12, 2024 05:56 PM2024-08-12T17:56:24+5:302024-08-12T17:59:49+5:30

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Sawan Somwar Mahakal: श्रावण माह के चतुर्थ सवारी में भगवान श्री महाकाल ने नंदी पर उमामहेश स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन दिए। इससे पूर्व सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का पूजन अर्चन किया गया। रजत पालकी में उन्हें सवार कर अतिथियों ने पालकी को नगर भ्रमण के लिए कांधा देकर रवाना किया। सवारी में चौथे सोमवार को सीधी के घसिया बाजा नृत्य दल ने अपनी प्रस्तुति दी।

Sawan Somwar Mahakal: श्री महाकालेश्वर भगवान की श्रावण-भादों माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में श्रावण माह के चतुर्थ सोमवार को सवारी निकाली गई। इससे पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमोलीश्वर का  वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत, महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री लखन पटेल, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री दिलीप जैसवाल, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर , पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधिवत पूजन-अर्चन किया।

Sawan Somwar Mahakal: शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने पूजन सम्पन्न करवाया। पूजन उपरांत भगवान के श्री चंद्रमौलेश्वर स्वरूप को पालकी में विराजित किया गया। हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा, नंदी रथ पर श्री उमा महेश जी के मुखारविंद विराजित होकर सवारी ने नगर भ्रमण किया।

Sawan Somwar Mahakal: मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी दी गई। उसके पश्चात परंपरागत मार्ग से होते हुए सवारी क्षिप्रातट रामघाट पहुचेगी। जहॉ पर भगवान महाकाल का क्षिप्रा के जल से अभिषेक एवं पूजा-अर्चन की गई । पूजन-अर्चन के बाद सवारी निर्धारति मार्गों से होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।

Sawan Somwar Mahakal: घासी जनजातीय घसिया बाजा नृत्य सीधी के श्री उपेन्द्र सिंह के नेतृत्व में  इनका दल श्री महाकालेश्वर भगवान की चौथी सवारी में  पालकी के आगे भजन मंडलियों के साथ अपनी प्रस्तुति देते चल रहा था। विंध्य मेकल क्षेत्र का प्रसिद्ध घसिया बाजा सीधी के बकबा, सिकरा, नचनी महुआ, गजरा बहरा, सिंगरावल आदि ग्रामों में निवासरत घसिया एवं गोंड जनजाति के कलाकारों द्वारा किया जाता है।