क्रिसमस डे 2022: क्या है क्रिसमस ट्री की कहानी, जानिए इस त्योहार से जुड़े ये 5 तथ्य

By रुस्तम राणा | Published: December 22, 2022 03:18 PM2022-12-22T15:18:20+5:302022-12-22T15:18:20+5:30

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'क्रिसमस डे' हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह ईसाई समुदाय का प्रमुख त्योहार है। दुनियाभर में यह त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। जब ही हम क्रिसमस डे की बात करते हैं। लाल कपड़े पहने और सफेद लंबी दाढ़ी मूंछे लगाए सेंटा क्लॉज का गिफ्ट, इसके अलावा रंग-बिरंगी लाइटों से सजा क्रिसमस ट्री याद आता है। इस त्योहार का संबंध प्रभु यीशु से जुड़ा हुआ है।

ईसाई समुदाय की मान्यता के अनुसार, प्रभु यीशु मसीह के जन्म के प्रतीक के तौर पर हर साल क्रिसमस पर्व मनाया जाता है। हालांकि बाइबल (ईसाई धर्म की सबसे पवित्र किताब) में यीशु के जन्म के लेकर कोई तय तारीख दर्ज ही नहीं है।

शुरूआत में प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिवस को लेकर ईसाई समुदाय में मतभेद था। क्योंकि इनके जन्म की तारीख के विषय में किसी को भी कोई जानकारी नहीं थी। 360 ईस्वी के आसपास रोम के एक चर्च में ईसा मसीह के जन्मदिन को मनाया गया। लंबी बहस और विचार के बाद चौथी शताब्दी में 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्मदिवस घोषित किया गया, लेकिन इसके बाद भी इसे प्रचलन में आने में समय लगा।

क्रिसमस के मौके पर क्रिसमस ट्री को सजाया जाता है। कहते हैं कि क्रिसमस ट्री की शुरूआत उत्तरी यूरोप में कई सदी पहले हुई थी। उस दौरान बेर नाम के एक पेड़ को सजाकर विंटर फेस्टीवल मनाया जाता था।

मान्यता है कि प्रभु यीशु के जन्म के समय सभी देवताओं ने सदाबहार वृ्क्ष को सजाया था, तभी से इस वृक्ष को क्रिसमस ट्री के नाम से जाना जाने लगा। लोग क्रिसमस के दिन क्रिसमस ट्री पर मोजा सजा कर अपने-अपने घरों में रखते हैं, ताकि उनकी कामना पूरी हो सके।