Aja Ekadashi 2023: अजा एकादशी पर बन रहे हैं ये 2 शुभ योग, जानें मुहर्त, व्रत नियम और महत्व

By रुस्तम राणा | Published: September 8, 2023 09:34 PM2023-09-08T21:34:22+5:302023-09-08T21:34:22+5:30

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अजा एकादशी व्रत प्रति वर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस साल अजा एकादशी व्रत 10 सितंबर (रविवार) को है। भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी के इस व्रत में भगवान के 'उपेंद्र' स्वरूप की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन रात में जागरण की भी परंपरा है। मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत करने से तमाम समस्याएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

एकादशी तिथि 09 सितंबर 2023 को शाम 07:17 बजे से प्रारंभ होगी और इसका समापन 10 सितंबर 2023 को रात 09:28 बजे है। पारण का समय 11 सितंबर: प्रातः 06:04 बजे से प्रातः 08:33 बजे तक रहेगा।

इस साल अजा एकादशी के दिन दो शुभ संयोग बन रहे हैं। पहला रवि पुष्य योग और दूसरा सर्वार्थसिद्धि योग है। रवि पुष्य योग सायं 05: 06 बजे से अगले दिन प्रातः 06:0 4 बजे तक रहेगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग सायं 05: 06 बजे से 11 सितंबर को प्रातः 06: 04 बजे तक है।

एकादशी व्रत के दिन सुबह तड़के जल्दी उठें, साफ-सफाई कर स्नान ध्यान करें। अब भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं। फलों एवं फूलों से विष्णुजी की भक्तिपूर्वक पूजा करें। पूजा के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। दिन में निराहार एवं निर्जल व्रत का पालन करें। इस व्रत में रात्रि जागरण करें। द्वादशी तिथि के दिन प्रातः ब्राह्मण को भोजन कराएं व दान-दक्षिणा दें।

मान्यता है कि अजा एकादशी व्रत करने से अश्वमेघ यज्ञ जैसा फल मिलता है। कहते हैं कि इस व्रत को करने से ही राजा हरिशचंद्र को अपना खोया हुआ राज्य वापस मिल गया था और मृत पुत्र भी फिर से जीवित हो गया था। यह भी मान्यता है कि इस व्रत करने से एक हजार गौ-दान करने के समान फल प्राप्त होता है।