जम्मू-कश्मीरः भारी बर्फबारी, भूस्खलन से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद, 10 लोगों को बचाया, देखें तस्वीरें By सतीश कुमार सिंह | Published: November 16, 2020 07:43 PM 2020-11-16T19:43:14+5:30 2020-11-16T19:48:07+5:30
Next Next जवाहर टनल के आसपास बर्फबारी और रामबन जिले में कई स्थानों पर भूस्खलन होने से जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग को सोमवार को यातायात के लिए बंद कर दिया गया। कश्मीर को हर मौसम में पूरे देश से जोड़ने वाला यह एक मात्र राजमार्ग है।
अधिकारियों ने बताया कि घाटी को पूरे देश से जोड़ने वाली मुगल रोड भी बर्फबारी के कारण लगातार तीसरे दिन बंद है क्योंकि ऊंचे इलाकों में बर्फबारी हुई है, वहीं जम्मू और अन्य हिस्सों के मैदानी इलाकों में रविवार दोपहर से बारिश जारी है।
उन्होंने बताया कि जवाहर टनल के आसपास रविवार शाम बर्फबारी शुरू हुई थी जो रुक-रुक कर जारी है, जिससे सड़क पर फिसलन होने के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात के लिए बंद करना पड़ा। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कर्मियों और मशीनों की सहायता से सड़क को साफ करने का काम जारी है।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सड़क को साफ करने के लिए अपने कार्यबल को तैनात किया है, लेकिन लगातार बारिश के कारण काम में बाधा आ रही है। यातायात के लिए इस मार्ग के आज शाम तक खुलने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले को जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी जिलों से जोड़ने वाली मुगल रोड पीर की गली और आसपास के इलाकों में भारी बर्फबारी के कारण आज तीसरे दिन भी बंद रही। उन्होंने बताया कि दोपहर बाद मौसम साफ होने का पूर्वानुमान है जिसे देखते हुए बर्फ हटाने का काम शाम तक शुरू किया जा सकता है।
ऊंचाई वाले क्षेत्रों रामबन, डोडा, पुंछ, राजौरी और उधमपुर जिलों में बर्फबारी की खबर है और जम्मू शहर सहित मैदानी इलाकों में रविवार से बारिश हो रही है। मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारी के अनुसार बर्फबारी के बाद जम्मू का बनिहाल सबसे ठंडा इलाका रहा। वहां सोमवार सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटे में 37.4 मिमी बारिश हुई।
जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले क्षेत्र सिंथन दर्रे पर भारी बर्फबारी में फंसे 10 लोगों को सुरक्षा बल के जवानों ने सुरक्षित बचा लिया है। इन लोगों में दो महिलाएं और एक बच्चा शामिल है।
कश्मीर के अनंतनाग जिले को जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ जिले से जोड़ने वाले सिंथन दर्रे पर नागरिकों के एक समूह के फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद रविवार देर रात बचाव अभियान शुरू किया गया था। इस बचाव दल में सेना के जवान और पुलिस कर्मी शामिल थे।
बचाव दल के सदस्य शून्य दृश्यता यानी बिल्कुल दिखाई नहीं देने वाली स्थिति में रात में राष्ट्रीय राजमार्ग 244 पर करीब पांच घंटे तक पैदल चलकर वहां पहुंचे और फंसे हुए लोगों को निकालकर नीचे लेकर आए, जहां उन्हें खाना और आश्रय दिया गया।
कश्मीर में प्रशासन ने घाटी के चार जिलों के लिए सोमवार को हिमस्खलन की चेतावनी जारी की। केंद्र शासित क्षेत्र के ऊंचाई वाले हिस्से में मध्यम से भारी बर्फबारी दर्ज की गयी, जबकि मैदानी भागों में बारिश हुई।
अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा, बांदीपुरा और बारामूला जिलों तथा मध्य कश्मीर के गांदरबल में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गयी है। कुपवाड़ा और बांदीपुरा के ऊंचाई वाले भागों में मध्यम स्तर के खतरनाक हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गयी है वहीं, गांदरबल और बारामूला जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कम खतरे वाले हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गयी है।
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को शुरू हुई बर्फबारी के सोमवार तक जारी रहने के मद्देनजर प्रशासन ने यह चेतावनी जारी की है। अधिकारियों के मुताबिक बरामूला में पर्यटन स्थल गुलमर्ग और गांदरबल में सोनमर्ग में मौसम की पहली भारी बर्फबारी हुई है । पिछले 24 घंटे में गुलमर्ग में 19 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई जबकि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हल्की बर्फबारी हुई।
उत्तरी कश्मीर के बांदीपुरा जिले के गुरेज, श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर जोजिला दर्रा और लद्दाख के द्रास में भी बर्फबारी हुई। बर्फबारी के कारण प्रशासन ने जम्मू कश्मीर को लद्दाख से जोड़ने वाली श्रीनगर-लेह सड़क को शनिवार को यातायात के लिए बंद कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर घाटी के मैदानी भाग में बारिश होने से तापमान गिर गया है। मौसम विभाग ने कहा कि सोमवार को केंद्र शासित क्षेत्र में मौसम ठीक हुआ है, लेकिन अगले 24 घंटे के दौरान कुछ स्थानों पर हल्की बारिश या बर्फबारी का अनुमान है। (सभी फोटो लोकमत)