Mission Gaganyaan: उड़ान भरने के लिए तैयार गगनयान, देखें पहली टेस्ट फ्लाइट की लॉन्चिंग से पहले की तस्वीरें

By संदीप दाहिमा | Published: October 19, 2023 11:43 AM2023-10-19T11:43:12+5:302023-10-19T11:43:12+5:30

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के वैज्ञानिकों के समक्ष बेहद महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है और इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हमारी वैज्ञानिक प्रतिभाएं मंजिल को हासिल कर लेंगी।

प्रधानमंत्री ने मंगलवार को गगनयान मिशन तथा अंतरिक्ष यात्री बचाव प्रणाली परीक्षण यान की पहली प्रदर्शन उड़ान की तैयारियों की समीक्षा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के वैज्ञानिकों के साथ की। इसके अलावा अंतरिक्ष के क्षेत्र में उनकी शानदार उपलब्धियों को देखते हुए उनके लिए नए लक्ष्य निर्धारित किए हैं।

प्रधानमंत्री ने 2035 में भारत का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने तथा 2040 में चांद पर भारतीय नागरिक के कदम पड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया। बैठक के दौरान इसरो की भावी योजनाओं पर भी चर्चा की। भारत ने अंतरिक्ष में सफलता के झंडे रातों रात नहीं गाड़े हैं। इसके पीछे दशकों की अथक मेहनत, वैज्ञानिकों के त्याग तथा समर्पण एवं विलक्षण प्रतिभा है।

भारत के अंतरिक्ष विज्ञान का सफर साइकिल से शुरू हुआ और आज हम इस क्षेत्र में एक महाशक्ति बन गए हैं। चंद्रयान तथा मंगलयान ने दुनिया के अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में नए आयाम जोड़े।

आदित्य एल-1 सूर्य की ओर बढ़ रहा है। वह पृथ्वी से 15 लाख किमी की ऊंचाई पर सूर्य के रहस्यों का अध्ययन करेगा। चंद्रयान-3 भारतीय वैज्ञानिकों की क्षमता का ताजा उदाहरण है। उन्होंने चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारा। चंद्रयान-3 ने सिर्फ दो हफ्ते काम किया लेकिन इस छोटी सी अवधि में उसने चांद पर खनिजों की खोज की तथा कई नए तथ्यों की जानकारी भी भेजी। इन तथ्यों से न केवल भारत बल्कि दुनियाभर के वैज्ञानिकों को चंद्रमा के बारे में भावी अनुसंधान में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।