Delhi Rain: बारिश से तर-बतर दिल्ली सहित उत्तर भारत, मानसून की पहली बरसात, see pics

By सतीश कुमार सिंह | Published: June 24, 2020 01:23 PM2020-06-24T13:23:19+5:302020-06-24T13:29:02+5:30

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दिल्ली के कई इलाकों में बारिश हो रही है। गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। छाए मानसूनी बादल अनेक इलाकों में जमकर बरसे। बारिश का यह सिलसिला अगले दो-तीन दिन तक जारी रहने की प्रबल संभावना है। मानसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है।

मौसम सुहावना हो गया। अगले 24 घंटे में ज्यादातर इलाकों में बारिश होने की संभावना है। बुधवार को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा भी हो सकती है। बारिश का यह क्रम शुक्रवार तक जारी रहने का अनुमान है।

दिल्ली-एनसीआर में झमाझम बारिश शुरू हो गई है। वहीं उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में अगले कुछ घंटों में बारिश का अनुमान है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज दिल्ली में सामान्य तौर पर बादल छाए रहने मध्यम बारिश का अनुमान जताया है। 

आइएमडी दिल्ली के उप निदेशक आनंद शर्मा ने कहा कि जैसा कि हमने पहले कहा था, मानसून 25 जून को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में आ जाएगा। इसलिए कल स्वाभाविक रूप से बारिश होने वाली है और इस क्षेत्र में मानसून आने की घोषणा की जाएगी।

आइएमडी लखनऊ के अनुसार उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में अगल तीन घंटे में बारिश के आसार हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार बदायूं, संभल, अलीगढ़, बुलंदशहर, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, हापुड़, अमरोहा, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, मथुरा, हाथरस, रायबरेली, लखनऊ, लखनऊ और बाराबंकी जिले में बारिश की संभावना है।

उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में पारा कुछ गिर है, जहां कुछ स्थानों पर बारिश भी हुई। मौसम विभाग ने कहा कि मानसून के उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में दो दिनों के भीतर पहुंचने की संभावना है। इसने बुधवार और गुरुवार को दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है।

दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, कर्नाटक, पूर्वोत्तर भारत, बिहार, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। वहीं, झारखंड, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और ओडिशा के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।

सामान्य तौर पर मॉनसून दिल्ली 27 जून को पहुंचता है। मौसम विशेषज्ञों ने कहा कि समय से पहले मॉनसून के दिल्ली पहुंचने के लिए चक्रवाती प्रणाली को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जो दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश के ऊपर 19-20 जून को बना और मॉनसून के आगे बढ़ने में मदद की।