लाइव न्यूज़ :

आयुर्वेद और योग कोविड-19 के उच्च जोखिम वाले मरीजों के उपचार में हैं प्रभावी

By संदीप दाहिमा | Updated: September 13, 2022 18:49 IST

Open in App
1 / 6
दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और हरिद्वार के देव संस्कृति विश्वविद्यालय के अनुसंधान से पता चला है कि योग और आयुर्वेद कोविड-19 के उच्च जोखिम वाले मरीजों के उपचार में प्रभावकारी हो सकते हैं। कोविड-19 के उच्च जोखिम वाले 30 मरीजों के सफल उपचार का अध्ययन ‘इंडियन जर्नल ऑफ ट्रेडिशनल नॉलेज’ में प्रकाशित हुआ है।
2 / 6
इस अध्ययन में यह भी सुझाव दिया गया है कि योग और आयुर्वेद कोविड-19 के उपचार के अलावा ऐसे मरीजों को चिंता/व्याकुलता से राहत प्रदान करने तथा इलाज के बाद त्वरित स्वास्थ्य लाभ में भी कारगर हो सकते हैं। इस परियोजना का विचार तथा रूपरेखा तैयार करने वाले आईआईटी दिल्ली के राहुल गर्ग ने कहा, ‘‘ यह अध्ययन पारंपरिक भारतीय ज्ञान प्रणाली का शीर्ष अकादमिक संस्थान में वैज्ञानिक परीक्षण की तीव्र जरूरत को भी दर्शाता है।
3 / 6
आयुर्वेद एवं योग उपचार के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए यदि उपयुक्त रूप से परीक्षण हो तो लोगों के पास कोविड-19 के प्रबंधन में उनके उपयोग के बारे में और विश्वसनीय एवं भरोसेमंद सूचनाएं होंगी। ’’ दिशानिर्देशों के अनुसार मानक उपचार के अलावा मरीजों को टेलीमेडिसीन के माध्यम से आयुर्वेदिक दवाइयां बतायी गयीं और वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उनसे व्यक्तिगत आधार पर उपचारात्मक योग क्रियाएं करायी गयीं।
4 / 6
गर्ग ने कहा, ‘‘ करीब करीब सभी मरीजों को मधुमेह, उच्च रक्तचाप, वृक्क की पुरानी बीमारी , चक्रीय धमनी रोग (जिसके बारे में कहा जाता है कि कोविड-19 के मामलों में उसके गंभीर परिणाम होते हैं) जैसे एक या अधिक गंभीर बीमारियों वाले मरीजों या 60 साल से अधिक उम्र के आधार पर उच्च जोखिम वाले मरीजों की श्रेणी में रखा गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इन मरीजों का जो उपचार किया गया है, वह व्यक्तिगत था यानी उसमें हर मरीज के चिकित्सा इतिहास, उसके रोग के लक्षणों आदि का ख्याल रखा गया जिससे वह निर्धारित मानक उपचार योजना की तुलना में अधिक प्रभावी बन गया।’’
5 / 6
उनका कहना है कि योग और आयुर्वेद उपचार से पूर्व मरीजों में कई लक्षण दिखे थे , उनका स्वस्थ होने तक टेलीफोन के जरिए नियमित रूप से ध्यान रखा गया। उनके अनुसार उनमें आधे से ज्यादा मरीजों में पांच दिनों में ही सुधार दिखने लगा (90 फीसद में नौ दिनों में) और 60 फीसद से अधिक ने 10 दिनों में ठीक हो जाने की खबर दी। नियमित फोलो-अप में मरीजों से संपर्क रखने वाली आईआईटी दिल्ली की शोधार्थी सोनिका ठकराल ने कहा, ‘‘ 95 प्रतिशत से कम ऑक्सीजन संतृत्पतता वाले छह मरीजों को मकरासन एवं शिथिलासन से लाभ हुआ, किसी की स्थिति इतनी नहीं बिगड़ी कि उसे सघन चिकित्सा कक्ष या अन्य अतिआवश्यक सघन उपचार के लिए ले जाना पड़े।
6 / 6
कई मरीजों ने बताया कि इस उपचार का उनके स्वस्थ होने की प्रक्रिया पर बड़ा असर हुआ , कइयों को अन्य गंभीर बीमारियों के सिलसिले में भी फायदा हुआ। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ उपचार के आखिर में कई मरीजों ने अपनी जीवनशैली में योग को अपनाने का निर्णय लिया, कई ने अपने अन्य गंभीर रोगों के उपचार के लिए आयुर्वेद चिकित्सकों की ओर रूख किया।’’
टॅग्स :कोरोना वायरसCoronaघरेलू नुस्खेयोग
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यसुबह नाश्ता करने से पहले कसरत करना फायदेमंद हैं?, क्या आपका वजन बढ़ेगा, शोध प्रमाण क्या कहते हैं?, जानिए

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

स्वास्थ्यलिवर को स्वस्थ रखने के लिए 10 घरेलू नुस्खे और आयुर्वेदिक उपाय

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसफेद दाग ठीक करने का घरेलू उपाय, अपनाएं ये 6 टिप्स, धीरे-धीरे दिखने लगेगा असर

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत