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ब्लैक फंगस का खतरा किसे है ? जानें लक्षण और बचाव के उपाय, डॉक्टरों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी

By संदीप दाहिमा | Updated: May 22, 2021 17:51 IST

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जो मरीज कोरोना से ठीक हो चुके हैं, उन पर अब ब्लैक फंगस का खतरा है। देश में अब तक ब्लैक फंगस के 5,500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 1,500 की मौत हो चुकी है।
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ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ने से चिकित्सा क्षेत्र में चिंता जताई जा रही है। उपचार के लिए आवश्यक इंजेक्शन की कमी से जोखिम और बढ़ जाता है। इस पृष्ठभूमि में, देश के दो शीर्ष डॉक्टरों ने बहुमूल्य मार्गदर्शन प्रदान किया है।
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एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया और डॉ. मेदांता अस्पताल। राजा त्रेहन ने आज म्यूकोरिया (ब्लैक फंगस) के बारे में विस्तार से बताया। इससे ब्लैक फंगस के लक्षण और उसके उपचार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली।
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मधुमेह और कोरोनरी हृदय रोग वाले लोगों में ब्लैक फंगस का खतरा सबसे अधिक होता है। ब्लैक फंगस कम प्रतिरोधक क्षमता वालों पर हमला करता है। मधुमेह रोगी स्टेरॉयड का उपयोग करते हैं। नतीजतन, उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इससे ब्लैक फंगस को हमला करने का मौका मिलता है।
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मधुमेह वाले लोगों के साथ-साथ कैंसर और प्रतिरोपित लोगों का इलाज करवा रहे लोगों में ब्लैक फंगस का खतरा अधिक होता है। मिट्टी में ब्लैक फंगस पाया जाता है। मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग जोखिम में नहीं हैं, डॉ। नरेश त्रेहन ने कहा।
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जिन लोगों को कोरोना के इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिया जाता है उनमें ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है। इन लोगों को हाई ब्लड शुगर होने का खतरा अधिक होता है। ब्लैक फंगस उन लोगों को भी निशाना बना सकता है जो लंबे समय से स्टेरॉयड ले रहे हैं।
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ब्लैक फंगस के खतरे से बचने के लिए शरीर में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ानी चाहिए। मधुमेह रोगियों को अपने शरीर में शुगर के स्तर को कम रखने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए।
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जिन लोगों को शुगर नहीं हैं, लेकिन जो नियमित रूप से स्टेरॉयड लेते हैं, उन्हें नियमित रूप से अपने शुगर के स्तर की जांच करनी चाहिए। जितना हो सके स्टेरॉयड के इस्तेमाल से बचना चाहिए। यदि आवश्यक हो तो कम से कम स्टेरॉयड का प्रयोग करें।
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ब्लैक फंगस के हमले की जांच के लिए यहां कुछ लक्षण दिए गए हैं। यदि आपकी नाक बह रही है, सिरदर्द है, चेहरे का दर्द या सूजा हुआ हिस्सा है, चेहरे का सुन्न होना, चेहरे का मलिनकिरण, सूजी हुई भौहें, ढीले दांत हैं, तो आप पर ब्लैक फंगस का हमला हुआ है।
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दवाओं की मदद से ब्लैक फंगस ठीक हो जाता है। कभी-कभी सर्जरी की आवश्यकता होती है। चार से छह सप्ताह की दवा के बाद ब्लैक फंगस ठीक हो गया। हालांकि, यदि स्थिति गंभीर है, तो तीन महीने के लिए उपचार की आवश्यकता होती है।
टॅग्स :ब्लैक फंगसकोरोना वायरसकोविड-19 इंडियामेडिकल ट्रीटमेंट
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