पेट्रोल-डीजल नहीं अब 100% इथेनॉल से चलेंगी गाड़ियां, पीयूष गोयल ने बताया प्लान

By संदीप दाहिमा | Published: July 17, 2021 10:14 PM2021-07-17T22:14:38+5:302021-07-17T22:14:38+5:30

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केंद्र सरकार ने 2023-24 तक देश में 20 फीसदी एथेनॉल-मिश्रण का लक्ष्य रखा है। लेकिन भविष्य में केंद्र सरकार ने लक्ष्य रखा है कि देश के 100% वाहन इथेन से चलेंगे।

निकट भविष्य में बैटरी तकनीक की मांग बढ़ने की उम्मीद है। पीयूष गोयल ने कहा कि अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में विकास होगा और इससे बैटरी उद्योग में भी बड़ा बदलाव आएगा।

पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य देश को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है और भविष्य में हम ऐसी तकनीक विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं जो वाहनों को 100 प्रतिशत एथेनॉल से चलाएगी।

जिनके पास इलेक्ट्रिक कार है उन्हें सोलर या रिन्यूएबल एनर्जी से चार्ज करना चाहिए। इसके लिए भविष्य में और चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।

2022 तक अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य 175 गीगावाट है। 2030 तक 450 गीगावाट का लक्ष्य है। 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2030 से 2025 तक इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य की भी घोषणा की है।

इससे पहले, इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य 2022 तक 10 प्रतिशत और 2030 तक 20 प्रतिशत निर्धारित किया गया था। अब इसे घटाकर पांच साल कर दिया गया है। देश में फिलहाल पेट्रोल में 8.5 फीसदी एथेनॉल मिलाया जा रहा है। 2014 में यह अनुपात केवल 1 से 1.5 प्रतिशत था।

देश ने अक्षय ऊर्जा खपत में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में 250 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। भारत अक्षय ऊर्जा का उपयोग करने वाले दुनिया के शीर्ष पांच देशों में से एक है।

गोयल ने कहा, "सरकार मजबूत अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और भारत जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में शीर्ष 10 देशों में शामिल है।"