भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कर्जदारों को एक बार फिर राहत दी। शीर्ष बैंक ने सभी तरह के लोन की मोरेटोरियम अवधि तीन माह बढ़ाकर 31 अगस्त, 2020 कर दिया। कोरोना वायरस संकट के कारण लोगों की आमदनी प्रभावित हुई है और ऐसे में इस फैसले से उन्हें राहत मिलेगी। इससे पहले मार्च में केंद्रीय बैंक ने एक मार्च 2020 से 31 मई 2020 के बीच ऋण (एक साल और उससे अधिक अवधि वाले कर्ज) के भुगतान पर तीन महीनों की मोहलत दी थी।
मोरेटोरियम की सुविधा उठाने वाले लोगों के बैंक खातों से मासिक किस्त (ईएमआई) नहीं ली जाएगी और कर्जदारों के पास पर्याप्त नकदी बची रहेगी। कर्ज के अदायगी के लिए ईएमआई का भुगतान 31 अगस्त को ऋण स्थगन की अवधि खत्म होने के बाद ही शुरू होगा। जो कर्जदार मोरेटोरियम का विकल्प चुनेंगे, उन्हें जिस अवधि के दौरान भुगतान नहीं किया गया है, उस पर भी ब्याज देना होगा और उनकी ईएमआई को उतना ही आगे बढ़ा दिया जाएगा।
रिजर्व बैंक ने मोरेटोरियम की सुविधा क्रेडिट कार्ड वालों को भी दी है जिनका बिल बकाया है। हालांकि बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि क्रेडिट कार्ड के बकाये बिल पर तीन माह का मोरेटोरियम घाटे का सौदा है। अगर आप अभी भी पैसा देने में सक्षम में हैं तो मोरेटोरियम की सुविधा ना लें और न्यूनतम भुगतान जरूर करें। न्यूनतम भुगतान इसलिए जरूरी है कि क्योंकि बैंक क्रेडिट कार्ड के बकाये पर ज्यादा ब्याज के अलावा जुर्माना भी जोड़ते हैं। क्रेडिट कार्ड के बकाया पर लगभग 24 फीसदी से 48 फीसदी सालाना की दर से ब्याज लगता है।
आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि, मोरेटोरियम में आपको छह महीने की ईएमआई से राहत मिलती है लेकिन बकाया पर बैंक 48 फीसदी की दर से ब्याज वसूल सकते हैं। ऐसे में आप जब 31 अगस्त, 2020 के बाद बकाया भुगतान करने जाएंगे तो आप पर वित्तीय बोझ काफी बढ़ जाएगा। इसके अलावा अगर आप इस बीच क्रेडिट कार्ड से कोई खरीददारी करते हैं तो बैंक आपसे पहले दिन से ब्याज वसूलने लगेंगे।
ऐसी स्थिति में आप क्रेडिट कार्ड पर मोरेटोरियम की सुविधा तभी लें जब आप गहरे वित्तीय संकट में फंसे हों। अगर आपके पास बिलकुल पैसा नहीं है तो यह विकल्प सही है। मोरेटोरियम की सुविधा लेने से बैंक आपके कार्ड को ब्लॉक नहीं करेंगे और क्रेडिट स्कोर भी खराब नहीं होगा।