New Wage Rule: वेतन के नए नियम होने जा रहे हैं लागू, आपकी सैलरी पर क्या होगा असर, जानिए सबकुछ
By विनीत कुमार | Published: December 22, 2020 12:56 PM2020-12-22T12:56:20+5:302020-12-22T13:04:13+5:30
New Wage Rule: नया वेज रूल अप्रैल 2021 से देश भर में लागू हो जाएगा। इसका असर सैलरी सहित पीएम में आने वाले पैसे और ग्रेच्यूटी पर भी पड़ेगा। इस नए नियम के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी होंगे।
New Wage Rule: अगले साल यानी 2021 के अप्रैल से नए वेतनमान से जुड़े नियम लागू होने जा रहे हैं। इसका व्यापक असर नौकरी कर रहे लोगों पर नजर आएगा। साथ ही तमाम कंपनियां भी काफी हद तक प्रभावित होंगी। इससे संबंधित कानून पिछले साल संसद में पास हुए थे।
ऐसे में नए नियम (New Wage Rule) क्या-क्या बदलाव लेकर आ रहे हैं और किस तरह इसका असर आपकी सैलरी पर दिखेगा, इस बारे में हर डिटेल जानना जरूरी है। अप्रैल से आपके हाथ आने वाली सैलरी स्लिप से लेकर प्रोविडेंट फंड, ग्रेच्यूटी और कंपनियों की बैलेंसशीट तक पर इसका असर होगा। इस बारे में पूरी जानकारी हम आपको यहां देने जा रहे हैं।
New Wage Rule: सैलरी पर कैसे होगा असर
नए नियम के बाद कंपनियों के पे स्ट्रक्चर में अहम बदलाव नजर आएंगे। दरअसल, ज्यादातर कंपनियों में सैलरी में अलाउंस या भत्ता वाला हिस्सा ज्यादा होता है। कई बार तो ये 70 से 80 फीसदी तक होता है। ऐसे में इस पर बड़ा प्रभाव होगा।
नए नियम के अनुसार दरअसल सभी भत्ते मिलाकर बेसिक सैलरी के 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकते हैं। ऐसे में कंपनियों को आपकी बेसिक सैलरी को बढ़ाना होगा। बेसिक सैलरी को कंपनियां 50 फीसदी या उससे अधिक रख सकती हैं। ऐसा करने पर कर्मचारियों की इन हैंड सैलरी कम हो जाएगी।
New Wage Rule: पीएफ में आएगा ज्यादा पैसा, ग्रेच्यूटी बढ़ेगी
नए नियम से ये फायदा होगा कि रिटायरमेंट के बाद आपके हाथ में ज्यादा बचत रहेगी। दरअसल ग्रेच्युटी की रकम बढ़ जाएगी। ग्रेच्यूटी की गणना बेसिक सैलरी के हिसाब से की जाती है। जाहिर है बेसिक सैलरी बढ़ने से ग्रेच्यूटी बढ़ेगी। वहीं, नई व्यवस्था से कर्मचारी और कंपनी का पीएम में जमा होने वाला पैसा भी बढ़ेगा। इससे बचत ज्यादा होगी।
इसके अलावा कुछ और अहम बदलाव भी किए गए हैं। इसके तहत किसी कंपनी को छोड़ कर जा रहे कर्मचारी इस्तीफे के दो दिन बाद से सैलरी हासिल कर सकेंगे।
कर्मचारी अगर अपनी छुट्टी के दिन काम करता है या उसे काम करना पड़ता है तो उसके स्थान पर उसे एक दिन के लिए अलग से कंपनियों को छुट्टी देनी होगी। साथ ही काम के लिए नियमित वेतन से दोगुना देना होगा। यही नहीं कंपनियों को ये सुनिश्चित करना होगा कि कर्मचारियों की भर्ती के समय सैलरी को लेकर लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाए।