नई दिल्ली: देश में चल रहे कोरोना संकट के बीच मोदी सरकार ने आयकरदाताओं को बड़ी राहत दी है। दरअसल, सरकार ने वित्त वर्ष 2018- 19 का इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा एक माह और बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 की है। जबकि 2018-19 के लिए मूल और साथ ही संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने का समय 31 जुलाई तक बढ़ा दिया है। सैलरीड क्लास 2019-20 के लिए नंबवर 2020 तक आयकर रिटर्न दाखिल कर सकता है।
मालूम हो कि 31 मई को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म जारी किए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आकलन वर्ष 2020-21 के लिए सहज (आईटीआर-1) फॉर्म, आईटीआर-2 फॉर्म, आईटीआर-3 फॉर्म, सुगम (आईटीआर-4) फार्म, आईटीआर-5 फॉर्म, आईटीआर-6, आईटीआर-7 फॉर्म और आईटीआर-वी फॉर्म जारी किए।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म जारी किये
कोविड-19 संकट के चलते सरकार के आयकर रिटर्न दाखिल करने को लेकर दी गयी विभिन्न छूटों का लाभ करदाताओं तक पहुंचाने के लिए आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2019-20 के आयकर रिटर्न फॉर्म में संशोधन किया है। सरकर ने आयकर अधिनियम-1961 के तहत रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा में कई रियायतें दी हैं। इसके लिए सरकार कराधान एवं अन्य अधिनियम (कुछ प्रावधानों से राहत) अध्यादेश- 2020 लेकर आयी है।
इसके हिसाब से आयकर की धारा 80सी (जीवन बीमा, लोक भविष्य निधि, राष्ट्रीय बचत पत्र इत्यादि), 80डी (स्वास्थ्य बीमा) और 80जी (दान) इत्यादि के तहत ली जाने वाली छूट के लिए अंतिम निवेश तिथि बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गयी है। क्लियर टैक्स के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अर्चित गुप्ता ने कहा कि नए फॉर्म में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए निवेश छूट का लाभ उठाने के लिए 2020-21 की पहली तिमाही में किए गए निवेश की अलग से जानकारी देने की जरूरत होगी।
इससे पहले कोरोना संकट के कारण लोगों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 जून किया था। जबकि टीडीएस जमा में देरी पर ब्याज दर 18 फीसदी से घटाकर नौ फीसदी कर दिया है। सरकार ने आधार और पैन को लिंक करने की आखिरी तारीख भी 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दी है। कोरोना वायरस के संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए देश में आर्थिक गतिविधियां थम सी गई है। हालांकि लॉकडाउन में ढील मिलने से सब कुछ धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है।