घरों में काम करने वाले कर्मचारियों ,बागवान, ड्राइवर जैसे असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों को सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का फायदा दिलवाने की पहल सरकार करने जा रही है. शासकीय सूत्रों ने इस आशय का संकेत दिया है कि इन्हे भी भविष्य निधि (पीएफ) के दायरे में लाया जा सकता है.इस दिशा में सरकार की मंशा को देखते हुए मौजूदा पीएफ कानून में बदलाव किया जा रहा है.
सूत्रों ने बताया कि श्रम मंत्रालय ने मौजूदा पीएफ कानूनों में बदलाव के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव दिए हैं. मंत्रालय का प्रस्ताव है कि घर में काम करने वाला मेड, ड्राइवर और माली को पीएफ का फायदा मिले. इसके लिए यह व्यवस्था की जाए कि इनका व्यक्तिगत रुप में पंजीयन हो.
व्यक्तिगत पंजीयन से इनका व्यक्तिगत खाता पीएफ ऑफिस में खुल सकेगा और इसमे सीधे राशि जमा की जा सकेगी. इससे संबंधित कानून मेें बदलाव के बाद यह तय होगा कि इन खातों में धन जमा करने की प्रक्रिया क्या होगी और पंजीयन किस प्रकार किया जाएगा और निकासी के क्या नियम होंगे.
पीएफ में योगदान के बारे में संशोधन का भी प्रस्ताव मंत्रालय ने दिया है. कामगार के पास यह विकल्प भी होगा कि वह अपना योगदान कम ज्यादा कर सकेगा. पीएफ में कर्मचारी का जो 12 फीसदी का अनिवार्य योगदान होता है उसे कम ज्यादा किया जा सकेगा. पीएफ में कम योगदान करने पर कर्मचारी की टेक होम सेलरी में इजाफा हो सकेगा. हालांकि यह प्रस्ताव पहले भी चर्चा में आया था उसी समय कर्मचारी संघों ने ने इसका विरोध किया था .उनका कहना था कि इस तरह का विकल्प दिया जाना सामाजिक सुरक्षा की मूल भावना के खिलाफ होगा और इससे कर्मचारियों के हितों का नुकसान होगा.