अगर आपकी सालाना आय 2.5 या उससे ज्यादा हो तो आपको इनकम टैक्स भरना अनिवार्य हो जाता है। इसके साथ ही अगर आपके पास पैसे चाहे गिफ्ट से आए, जेवर या किसी भी प्रकार की अचल संपत्ति, इन सभी में आपको टैक्स भरना पड़ता है।
ध्यान देने वाली बात है अगर आपको प्रॉपर्टी या कैश विरासत में मिलती है तब ऐसी स्थिति में आप टैक्स भरने के दायरे में नहीं आते। लेकिन इनकम टैक्स इस प्रकार की सभी ट्रांजेक्शन लेकर सवाल खड़े कर सकता है। ऐसे में आपको इसके लिए वसीयत दिखानी पड़ती है। इसके माध्यम से आपको यह साबित करना पड़ता है कि अमाउंट या प्रॉपर्टी आपको अपने माता—पिता या खानदानी विरासत के तौर पर मिली हैं। यह बिलकुल टैक्स फ्री है।
इसके साथ ही यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि इस स्थिति में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके मां-बाप से सवाल भी कर सकते हैं। दरअसल, यह एक प्रक्रिया होती है जिसके द्वारा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को आपके माता-पिता डिक्लेयर्ड इनकम है या नहीं इस बात की तस्सली चाहिए होती है।
लेकिन अगर आपके माता-पिता इस बात का हिसाब नहीं दे पाए तो कि जो अमाउंट उन्होंने आपको दिया है यह उनकी डिक्लेयर्ड इनकम का है। तब फिर टैक्स चोरी के आरोप में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एक्शन भी ले सकता है। टैक्स चोरी के आरोप में डिपार्टमेंट उनसे टैक्स और पेनल्टी वसूल भी सकता है।इसके साथ ही उनके खिलाफ टैक्स चोरी के मामले में मुकदमा भी दर्ज हो सकता है।