केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दी खुशखबरी, NPS की जगह पुरानी पेंशन स्कीम का उठा सकते हैं लाभ
By निखिल वर्मा | Updated: June 18, 2020 13:27 IST2020-06-18T13:23:21+5:302020-06-18T13:27:08+5:30
सरकारी कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम की बजाए पुरानी पेंशन स्कीम को ज्यादा लाभदायक मानते हैं. ओपीएस में पेंशनर के साथ उनका परिवार भी सुरक्षित रहता है.

केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ी सुविधा दी है. (फाइल फोटो)
केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को तोहफा दिया है। सरकार के योग्यता पूरी करने वाले कर्मचारियों को नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) को छोड़कर पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) का लाभ लेने की छूट दे दी है। इस योजना का लाभ वे कर्मचारी उठा सकते हैं जो 1 जनवरी 2004 से 28 अक्टूबर 2009 के बीच केंद्र सरकार या केंद्रीय स्वायत्त संस्थाओं में नेशनल पेंशन स्कीम के तहत नियुक्त हुए हैं। इसके लिए उन्हें 11 सितंबर तक आवेदन करना होगा।
केंद्र सरकार ने सेंट्रल सिविल सर्विस (पेंशन) रूल्स 1972 के तहत यह विकल्प प्रदान किया है। इसका लाभ वे सरकारी कर्मचारी उठा सकते हैं, जिनकी केंद्र सरकार, केंद्रीय संस्था, राज्य सरकार या राज्य की स्वायत्त संस्थान से तकनीकी इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार या केंद्रीय स्वायत्त संस्था में 1 जनवरी 2004 से 28 अक्टूबर 2009 के बीच फिर से नियुक्ति हुई है। इससे उन्हें केंद्र सरकार या केंद्रीय स्वायत्त संस्था से अंतिम सेवानिवृत्ति पर पेंशन का ज्यादा लाभ मिलेगा।
डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स की ओर से जारी ऑफिस मेमोरैंडम के मुताबिक, योग्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) का लाभ लेने के लिए 11 सितंबर 2020 तक आवेदन करना होगा. आवेदन नहीं करने वाले सरकारी कर्मचरियों को नेशनल पेंशन सिस्टम के प्रावधानों के तहत फायदा मिलता रहेगा.
नेशनल पेंशन स्कीम क्या है
नेशनल पेंशन स्कीम को जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था। इसे 2009 में सभी कैटगरी के लोगों के लिए खोल दिया गया। कोई भी व्यक्ति अपने कामकाजी जीवन के दौरान पेंशन खाते में नियमित रूप से योगदान दे सकता है।
जमा हुई धन राशि के एक हिस्से को वह एक बार में निकाल भी सकता है और बची हुई राशि का इस्तेमाल रिटायरमेंट के बाद नियमित आय प्राप्त करने के लिए कर सकता है। व्यक्ति के निवेश और उस पर मिलने वाले रिटर्न से एनपीएस खाता बढ़ता है।