5 लाख से 10 लाख रुपये के बीच करदाताओं को मिल सकती है बड़ी राहत, पैनल ने रखा नए स्लैब का प्रस्ताव
By स्वाति सिंह | Published: August 29, 2019 08:46 AM2019-08-29T08:46:04+5:302019-08-29T08:46:04+5:30
डायरेक्ट टैक्स कोड पर बनी समिति ने पर्सनल इनकम टैक्स की दरों के मामले में 5, 10 और 20 प्रतिशत के तीन स्लैब की सिफारिश की है। हालांकि, अभी यह महज सुझाव है।
केंद्र सरकार टैक्सपेयर्स में बड़ी राहत दे सकती है। दरअसल, डायरेक्ट टैक्स कोड पर बनी समिति ने मध्यम वर्ग से इनकम टैक्स का बोझ कम करने की सिफारिश की है और सरकार इस पर जल्द विचार कर सकती है।
सरकारी पैनल ने 5 से 10 लाख रुपए तक 10 फीसदी और 10 लाख से 20 लाख रुपए तक 20 फीसदी टैक्स लगाने की बड़ी सिफारिश की है। 20 लाख रुपए से 2 करोड़ रुपए तक 30 फीसदी इनकम टैक्स की सिफारिश की गई है। 2 करोड़ रुपए सालाना कमाई से ऊपर 35 फीसदी इनकम टैक्स की सिफारिश की गई है।
अगर ये सिफारिशें लागू होती हैं तो मध्यम वर्ग पर कर का बोझ घटकर आधा हो सकता है। डायरेक्ट टैक्स कोड पर बनी समिति ने यह भी सुझाव दिया है ताकि कर चोरी में कमी लाई जा सके। पर्सनल इनकम टैक्स की दरों के मामले में समिति ने 5, 10 और 20 फीसदी के तीन स्लैब की सिफारिश की है। फिलहाल 5, 20 और 30 प्रतिशत की दर से इनकम टैक्स वसूला जाता है।
इस सिफारिश के मुताबिक 2.5 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं जबकि 10 लाख रुपए तक सिर्फ 10 फीसदी इनकम टैक्स की सिफारिश की गई है। डायरेक्ट टैक्स में सुधार के लिए बनी टास्क फोर्स ने पिछले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
टास्क फोर्स की सिफारिश में मध्यम वर्ग पर खास ध्यान दिया गया है। इसमें इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाकर 6।25 लाख रु पए किया गया है। अभी इनकम टैक्स में छूट की सीमा 5 लाख रु पए है।