केंद्र सरकार ने दी राहत, इन कामों के लिए आधार कार्ड की जरूरत नहीं, जानें क्या होंगे फायदे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 21, 2021 19:43 IST2021-03-21T19:42:43+5:302021-03-21T19:43:49+5:30
aadhaar card: सरकार ने बेहतर प्रशासन संचालन (सामाजिक कल्याण, नवोनमेष, ज्ञान) निमय 2020 में तहत अपनी त्वरित संदेश समाधान वाली एप ‘संदेश’ और सार्वजनिक कार्यालयों में हाजिरी लगाने के लिये आधार प्रमाणीकरण को स्वैच्छिक कर दिया गया है।

सार्वजनिक कार्यालयों में हाजिरी लगाने के लिये आधार प्रमाणीकरण को स्वैच्छिक कर दिया गया है। (file photo)
aadhaar card: मोदी सरकार ने पेंशन लेने वाले बुजुर्गों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र पाने के संबंध में नये नियम अधिसूचित किये हैं।
अब पेंशनरों को डिजिटल तौर पर जीवन प्रमाण पत्र लेने के लिये आधार को स्वैच्छिक बना दिया गया है। सरकार ने बेहतर प्रशासन संचालन (सामाजिक कल्याण, नवोनमेष, ज्ञान) निमय 2020 में तहत अपनी त्वरित संदेश समाधान वाली एप ‘संदेश’ और सार्वजनिक कार्यालयों में हाजिरी लगाने के लिये आधार प्रमाणीकरण को स्वैच्छिक कर दिया गया है।
इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा 18 मार्च को जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘जीवन प्रमाण के लिये आधार की प्रामाणिकता स्वैच्छिक आधार पर होगी और इसका इस्तेमाल करने वाले संगठनों को जीवन प्रमाणपत्र देने के लिये वैकल्पिक तरीके निकालने चाहिये। इस मामले में एनआईसी को आधार कानून 2016, आधार नियमन 2016 और कार्यालय ज्ञापन तथा यूआईडीएआई द्वारा समय समय पर जारी सकुर्लर और दिशानिर्देशों का अनुपालन करना होगा।’’
पेंशनरों के लिये जीवन प्रमाण पत्र की शुरुआत तब की गई जब कई बुजुर्गों को पेंशन लेने के लिये अपनी जीवित होने की सत्यता के लिये लंबी यात्रा कर पेंशन वितरित करने वाली एजेंसी के समक्ष उपलस्थित होना पड़ता था। या फिर वह जहां नौकरी करते रहे हैं वहां से उन्हें जीवन प्रमाणपत्र लाना होता था और उसे पेंशन वितरण एजेंसी के पास जमा कराना होता था।
डिजिटल तरीके से जीवन प्रमाणपत्र जारी करने की सुविधा मिलने के बाद पेंशनरों को खुद लंबी यात्रा कर संबंधित संगठन अथवा एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने की अनिवार्यता से निजात मिल गई। लेकिन कई पेंशनरों ने अब इस मामले में शिकायत की है कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से उन्हें पेंशन मिलने में कठिनाई उठानी पड़ रही है अथवा उनके अंगूठे का निशान मेल नहीं खा रहा है। इसके लिये कुछ सरकारी संगठनों ने जहां 2018 में वैकल्पिक रास्ता निकाला था वहीं अब जारी अधिसूचना के जरिये आधार को डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जारी करने के लिये स्वैच्छिक बना दिया गया है।