कोरोना संकट के चलते इस साल अप्रैल में EPFO से जुड़ें केवल 1.33 सब्सक्राइबर्स, हर साल इतनी होती है संख्या
By स्वाति सिंह | Published: June 21, 2020 01:44 PM2020-06-21T13:44:42+5:302020-06-21T13:44:42+5:30
ईपीएफओ के अनुसार ‘लॉकडाउन’ की पाबंदियों के बावजूद ईपीएफओ ने अप्रैल-मई के दौरान 36.02 लाख दावों के निपटान किये और अपने सदस्यों को 11,540 करोड़ रुपे वितरित किये।
कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन और दूसरी पाबंदियों की वजह से प्रभावित अप्रैल महीने में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में केवल 1.33 लाख नए रजिस्ट्रेशन हुए। यह आंकड़ा मासिक औसत से काफी कम है। ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन के आंकड़े संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति का संकेत होते हैं। इससे यह स्पष्ट है कि अप्रैल में लोगों को नई नौकरियां बहुत कम मिलीं। लॉकडाउन और दूसरी पाबंदियों से ईपीएफओ से जुड़ने वाले सब्सक्राइबर्स की संख्या में भारी कमी आई।
ईपीएफओ में हर महीने औसतन सात लाख नए मेंबर जुड़ते हैं। ईपीएफओ की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 में ईपीएफओ के साथ 78.58 लाख नए सदस्य जुड़े। इससे पिछले वित्त 2018-19 के दौरान यह आंकड़ा 61.12 लाख का रहा था।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने ‘लॉकडउाउन’ के दौरान पिछले दो महीनों में 36.02 लाख दावों के निपटान किये और अपने सदस्यों को 11,540 करोड़ रुपये वितरित किये। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान सदस्यों के लिये चीजों को आसान बनाने के इरादे से ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को समय पर सेवा देने को लेकर हर संभव प्रयास किये।’’
EPFO ने अप्रैल-मई के दौरान 11,540 करोड़ रुपये के 36.02 लाख दावों के निपटान किए
ईपीएफओ के अनुसार ‘लॉकडाउन’ की पाबंदियों के बावजूद ईपीएफओ ने अप्रैल-मई के दौरान 36.02 लाख दावों के निपटान किये और अपने सदस्यों को 11,540 करोड़ रुपे वितरित किये। बयान में कहा गया है कि कुल दावों में से 15.54 लाख दावे कोविड-19 संकट से राहत देने के लिये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत ईपीएफ से पैसा निकालने की दी गयी अनुमति से संबद्ध थे। इसके तहत कुल 4,580 करोड़ रुपये वितरित किये गये।
EPFO ने 52.62 अंशधारकों के केवाईसी ब्योरा दुरूस्त किया
ईपीएफओ) ने अप्रैल-मई के दौरान अपने 52.62 लाख अंशधारकों के केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) ब्योरे को अद्यतन किया। श्रम मंत्रालय ने यह जानकारी दी। इसमें 39.97 लाख अंशधारको के खातों को आधार से, 9.7 लाख अंशधारकों के खातों को मोबाइल से (यूएएन को परिचालित करना) तथा 11.11 लाख अंशधारकों को बैंक खाते से जोड़ना शामिल हैं। केवाईसी एक बार की प्रक्रिया है। इससे सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) को केवाईसी ब्योरे से जोड़ने से अंशधारकों के सत्यापन में मदद मिलती है।