नई दिल्ली: ओलंपियन बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक सहित पहलवानों ने जंतर मंतर पर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों दोनों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) पर कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा, "टोक्यो ओलंपिक में हार के बाद डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने मुझे 'खोटा सिक्का' कहा। डब्ल्यूएफआई ने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। मैं हर दिन अपने जीवन को समाप्त करने के बारे में सोचती थी। अगर किसी पहलवान को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष की होगी। कोच महिलाओं को प्रताड़ित कर रहे हैं और फेडरेशन के चहेते कुछ कोच महिला कोचों के साथ भी बदसलूकी करते हैं।"
विनेश फोगट ने आगे कहा, "वे लड़कियों का यौन उत्पीड़न करते हैं। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया है।" पहलवानों ने कहा, "वे (संघ) हमारे निजी जीवन में भी दखल देते हैं और हमें परेशान करते हैं। वे हमारा शोषण कर रहे हैं। जब हम ओलंपिक में गए थे तो हमारे पास फिजियो या कोच नहीं था। जब से हमने आवाज उठाई है, हमें धमकाया जा रहा है।"
वहीं, पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा, "पहलवान चल रही तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करना चाहते। दोपहर 3-4 बजे के बीच हम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और वहां सब कुछ बता देंगे। हम चाहते हैं कि भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रबंधन में बदलाव किया जाए। हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री हमारा समर्थन करेंगे।"