नई दिल्ली: रेसलिंग विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने का बजरंग पूनिया का प्रयास सफल नहीं रहा और उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। हंगरी के बुडापेस्ट में जारी विश्व चैम्पियनशिप के 65 किलोग्राम वर्ग में सोमवार को जापान के ताकुटो ओटोगुरो से उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा।
पूनिया चौथे भारतीय हैं जो विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक के दावेदार थे। 24 वर्षीय पुनिया को 19 वर्षीय आटोगुरो ने 16-9 से शिकस्त दी।ओटोगुरो जापान के सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बने। हालांकि, इस हार के बावजूद बजरंग इतिहास रचने में कामयाब रहे। बजरंग इस टूर्नामेंट में दो मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गये हैं।
इससे पहले बजरंग ने 2013 में फ्रीस्टाइल कुश्ती के 65 किलोग्राम वर्ग में ब्रॉन्ज जीता था। सुशील कुमार एकमात्र भारतीय हैं जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप में 2010 में स्वर्ण पदक हासिल किया था। वह टूर्नामेंट में मॉस्को में हुआ था। सुशील से पहले अमित दाहिया (2013) और विशंभर सिंह (1967) दो अन्य भारतीय हैं जिन्होंने पुरुषों के फ्रीस्टाइल वर्ग में विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाई थी।
इसके अलावा उदय चंद (ब्राॉन्ज, 1961), रमेश कुमार (ब्रॉन्ज, 2009) और नरसिंग यादव (ब्रॉन्ज, 2015) भी वर्ल्ड चैम्पियनशिप के पुरुषों के फ्रीस्टाइल वर्ग में मेडल जीत चुके हैं। वहीं, भारतीय महिला पहलवानों की बात करें तो बबीता फोगाट (ब्रॉन्ज 2012), गीता फोगाट (ब्रॉन्ज, 2012), अल्का तोमर (ब्रॉन्ज, 2006) इस इवेंट में मेडल जीत चुकी हैं।
बजरंग के लिए यह साल काफी अच्छा रहा है। बजरंग ने इसी साल गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG) और इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। बजरंग ने विश्व चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में क्यूबा के एलेंजांड्रो वाल्देस को 4-2 से हराकर फाइनल में जगह पक्की की थी।