वर्ल्ड चेस चैम्पियनशिप के 'कामसूत्र' लोगो पर विवाद, विश्वनाथन आनंद बोले- लेट नाइट शो न बन जाए खेल
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: December 22, 2017 14:17 IST2017-12-22T14:10:12+5:302017-12-22T14:17:28+5:30
वर्ल्ड चेस चैम्पियनशिप के लोगो को लेकर मजाकिया लहजे में पांच बार के विश्व चैम्पियन भारत के विश्वनाथन आनंद ने कहा कि ऐसा न हो कि अब चेस टेलिविजन पर लेट नाइट शो की तरह हो जाए।

वर्ल्ड चेस चैम्पियनशिप का विवादित लोगो
लंदन में अगले साल 11 से 30 नवंबर के बीच होने वाले वर्ल्ड चेस चैम्पियनशिप के ताजा जारी हुए लोगो को लेकर विवाद पैदा हो गया है। लोगो के सामने आते ही न केवल फैंस बल्कि कई ग्रैंडमास्टर्स भी अपनी नाराजगी जता चुके हैं। आलोचकों को मानना है कि यह लोगो चेस जैसे मानसिक खेल से ज्यादा कामासूत्र की याद दिला रहा है।
इस लोगो को लेकर मजाकिया लहजे में पांच बार के विश्व चैम्पियन भारत के विश्वनाथन आनंद ने कहा कि ऐसा न हो कि अब चेस टीवी पर लेट नाइट शो की तरह हो जाए। दरअसल, लोगो में दो शरीर एक-दूसरे से लिपटे हुए नजर आ रहे हैं उनके बीच में शतरंज का बोर्ड रखा हुआ है। विश्वनाथन आनंद ने कहा, 'आखिरकार, ये एक पोजिशन हुआ जहां दिमाग को खेल पर सोच से ज्यादा कुछ और भी करना होगा। अगर आप इस पोजिशन में हैं तो आप खुद को सैंटा की 'गुड लिस्ट' का हिस्सा मानिए।'
ईएसपीएन के साथ इंटरव्यू में आनंद ने आगे कहा, 'एक शतरंज के खिलाड़ी के तौर पर मैं चाहता हूं बोर्ड 8x8 का रहे और पॉन (पैदल सैनिक) सबसे पीछे के खाने में न रहें। लोग चेस खेल के तौर पर देखते हैं। मुझे उम्मीद है कि कहीं ये लेट नाइट टीवी शो न बन जाए।'
दूसरी ओर, अमेरिका की ग्रैंडमास्टर सुसान पोल्गर ने भी नए लोगो पर नाराजगी जाहिर की है। सुसान ने कहा, 'दुनिया की चेस खेलने वाली 50 फीसदी से ज्यादा की आबादी बच्चो की है। क्या आपको लगता है कि यह लोगो स्कूलों में दिखाया जा सकता है।'
Graphic "Chess" Content? @theworldchess@FIDE_chess@WOMChess@EuropeEchecs@chessdompic.twitter.com/g7IjQGhYXG
— Susan Polgar (@SusanPolgar) December 21, 2017
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्ल्ड चेस चैम्पियनशिप का यह विवादास्पद लोगो मॉस्को के एक स्टूडियो 'शुका डिजाइन' की उपज माना जा रहा है। विवाद के बाद आयोजकों ने बयान जारी कर कहा, 'हम चाहते थे कि मेजबान शहर की तरह हम ऐसा ही कुछ लोगो लाना चाहते थे जो विवादित हो और ट्रेंडी भी। आयोजक के तौर पर हम पिछले एक साल से इस पर काम कर रहे थे।'