Wimbledon: 20 साल के अलकाराज ने खत्म की जोकोविच की बादशाहत, विम्बलडन जीतने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने
By भाषा | Published: July 17, 2023 07:29 AM2023-07-17T07:29:57+5:302023-07-17T09:36:14+5:30
स्पेन के 20 वर्ष के कार्लोस अलकाराज विम्बलडन जीतने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने फाइनल में रविवार को दिग्गज नोवाक जोकोविच को मात दी।
विम्बलडन: यह एक ऐसा फाइनल था जिसे टेनिसप्रेमी बरसों तक याद रखेंगे क्योंकि इसमें अपार अनुभव पर युवा जोश भारी पड़ा । स्पेन के कार्लोस अलकाराज ने विम्बलडन में 34 मैचों से चले आ रहे नोवाक जोकोविच के अश्वमेधी अभियान में नकेल कसते हुए रविवार को पांच सेटों के बेहद रोमांचक फाइनल में जीत दर्ज करके दूसरा ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किया।
दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी अलकाराज ने पहला विम्बलडन खिताब 1-6, 7-6, 6-1, 3-6, 6-4 से जीता । इसके साथ ही उन्होंने जोकोविच को रिकॉर्ड की बराबरी करने वाले आठवें और लगातार पांचवें विम्बलडन खिताब से वंचित कर दिया । इसके साथ ही 36 वर्ष के जोकोविच को 24वां ग्रैंडस्लैम जीतकर सेरेना विलियम्स से आगे निकलने के लिये अभी इंतजार करना होगा ।
The final day of The Championships brought plenty of magical moments ✨#Wimbledonpic.twitter.com/ZbBrucWVCM
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अलकाराज: विम्बलडन जीतने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी
स्पेन के 20 वर्ष के अलकाराज विम्बलडन जीतने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए । दोनों के बीच में उम्र का अंतर 1974 के बाद से किसी भी ग्रैंड स्लैम फाइनल में सबसे ज्यादा है। दोनों की टक्कर पिछले महीने फ्रेंच ओपन में भी हुई थी लेकिन अलकाराज चोटिल हो गए थे। इस बार उनके पास जोकोविच के हर स्ट्रोक का जवाब देने का दमखम था। उन्होंने 130 मीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से सर्विस की।
विम्बलडन: 2013 के बाद पहली बार फाइनल में जोकोविच की हार
जोकोविच ने आखिरी बार यहां 2013 में फाइनल गंवाया था। यह उनका रिकॉर्ड 35वां ग्रैंडस्लैम फाइनल था जबकि अलकाराज दूसरी बार ही फाइनल खेल रहे थे। इसके बावजूद तीसरे सेट में उन्होंने 25 मिनट तक चला अद्भुत गेम जीता और मैच में 32 अंक बनाये।
The smile says it all 😁#Wimbledon | @carlosalcarazpic.twitter.com/s9mhueFqOx
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अलकराज ने पांचवें सेट में बैकहैंड पर शानदार विनर लगाकर जोकोविच की सर्विस तोड़ी। हार के बाद जोकोविच अपने गुस्से पर काबू नहीं रख सके और नेट पर फेंककर अपना रैकेट तोड़ दिया । चेयर अंपायर ने उन्हें आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया।