रनिंदर सिंह चौथी बार एनआरएआई अध्यक्ष चुने गये
By भाषा | Updated: September 18, 2021 18:12 IST2021-09-18T18:12:32+5:302021-09-18T18:12:32+5:30

रनिंदर सिंह चौथी बार एनआरएआई अध्यक्ष चुने गये
मोहाली, 18 सितंबर अनुभवी प्रशासक रनिंदर सिंह को शनिवार को फिर से चौथी बार भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) का अध्यक्ष चुना गया जिन्होंने यहां चुनावों में बसपा सांसद श्याम सिंह यादव को 56-3 मत से हराया।
कुंवर सुल्तान सिंह को निर्विरोध राष्ट्रीय संस्था का महासचिव चुना गया जबकि रणदीप मान को कोषाध्यक्ष बनाया गया।
महासंघ के आठ उपाध्यक्षों के अलावा ओडिशा के सांसद कालीकेश नारायण सिंह देव सीनियर उपाध्यक्ष बने रहेंगे।
पवन कुमार सिंह भी शेला कानुंगो के साथ शीर्ष संस्था के संयुक्त सचिव बने रहेंगे। दोनों को निर्विरोध चुना गया।
चुनावों में एनआरएआई के 59 सदस्यों ने प्रतिनिधित्व किया जिसमें से 56 ने रनिंदर के पक्ष में जबकि तीन ने उनके प्रतिद्वंद्वी यादव के पक्ष में मत दिये जो उत्तर प्रदेश राइफल संघ के अध्यक्ष हैं।
एनआरएआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय में यादव द्वारा दायर याचिका के बाद खेल मंत्रालय के नये सिरे से चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश के बावजूद चुनाव कराने का फैसला किया।
यादव उत्तर प्रदेश के जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के सांसद हैं।
एनआरएआई ने चुनाव निर्धारित समय पर कराने का फैसला इसलिये कायम रखा क्योंकि उच्च न्यायालय से अभी इस पर कोई ‘स्टे ऑर्डर’ नहीं मिला था।
यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है और सुनवाई की अगली तारीख दिसंबर है।
चुनाव आईएस बिंद्रा स्टेडियम में कराये गये।
अपनी याचिका में यादव ने चुनावों के लिये मेहताब सिंह गिल को चुनाव अधिकारी नियुक्त किये जाने में ‘हितों के स्पष्ट टकराव’ का हवाला दिया है।
यादव ने रनिंदर के कार्यकाल को लेकर भी आपत्ति उठायी थी लेकिन मंत्रालय ने पाया कि वह फिर से चुनाव लड़ सकते हैं।
खेल संहिता के अनुसार, ‘भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) सहित किसी भी एनएसएफ (राष्ट्रीय खेल महासंघ) का अध्यक्ष अधिकतम 12 साल तक अपने पद पर रह सकता है।’’
इस आधार पर रनिंदर की उम्मीद्वारी वैध है क्योंकि वह 2022 के आखिर में 12 साल पूरा करेंगे।
रनिंदर ने कहा, ‘‘ यह चुनाव अध्यक्ष पद की कुर्सी के बारे में नहीं बल्कि इसकी स्वायत्त होने की आधारभूत क्षमता के बारे में था, साथ ही राष्ट्रीय खेल संहिता का उल्लंघन नहीं करने के बारे में भी जिसका हम स्वेच्छा से पालन और स्वागत करते हैं।’’
वह अपनी नेतृत्व क्षमता पर सदस्यों द्वारा दिखाये गये भरोसे से काफी सम्मानित महसूस कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘साथ मिलकर हमने भारतीय निशानेबाजी के लिये काफी कुछ हासिल किया है और अब समय आ गया है जब हम इसे एक दूसरे स्तर पर ले जायें। ’’
चुने गये आठ उपाध्यक्षों में अजय एच पेल, अमित सांघी, अशोक जे पंडित, अशोक मित्तल, जॉन खारशिंग, पुतुल कुमारी, सुषमा सिंह और वरिंदर कुमार धाल शामिल थे।
मानद सचिव के पद पर सुशील, ईश्वर रोहल, कुमार त्रिपुरारी सिंह, मेघाशाम श्रीपद भांगले, मोईरांगथेम आर सिंह और आर रविकृष्णन को भी निर्विरोध चुना गया।
कुल 16 संचालन परिषद सदस्यों को भी चुना गया।
चुनाव निर्वाचन अधिकारी न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) मेहताब सिंह गिल और अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) इंदरजीत सिंह वालिया द्वारा कराये गये।
भारतीय बास्केटबॉल महासंघ के महासचिव चंदर मुखी शर्मा भारतीय ओलंपिक संघ के पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद थे जबकि भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष आदिले जे सुमरिवाला अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ के पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित थे।
पूर्व नंबर एक ट्रैप निशानेबाज और ओलंपियन रोंजन सोढी भी ‘प्रतिष्ठित खिलाड़ी पर्यवेक्षक’ के तौर पर चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा थे।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पुत्र रनिंदर ने 2010 में पहली बार एनआरएआई के अध्यक्ष बने थे।
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