#KuchhPositiveKarteHain: एक ऐसा संगठन जो समाज को दे रहा है सीख, महिलाओं को खेल में बराबरी का मौका देने के लिए चला रहा अनोखी पहल

By सुमित राय | Published: August 7, 2018 01:35 PM2018-08-07T13:35:51+5:302018-08-07T13:35:51+5:30

लड़कियों के सपनों को पूरा करने के लिए और खेल के क्षेत्र में उन्हें आगे ले जाने के लिए ब्रीज ऑफ स्पोर्ट्स फाउंडेशन नाम की एक संस्था काम कर ही है।

KuchhPositiveKarteHain: This Organisation is working for Women to create equitable Sports Ecosystem for India | #KuchhPositiveKarteHain: एक ऐसा संगठन जो समाज को दे रहा है सीख, महिलाओं को खेल में बराबरी का मौका देने के लिए चला रहा अनोखी पहल

#KuchhPositiveKarteHain: एक ऐसा संगठन जो समाज को दे रहा है सीख, महिलाओं को खेल में बराबरी का मौका देने के लिए चला रहा अनोखी पहल

दुनियाभर में लैंगिक समानता के प्रयास में संघर्ष की कई कहानियां हैं, जो अपने सपनों को हासिल कर पा रहे हैं। लेकिन दुर्भाग्य से ज्यादातर महिलाओं को उनके सपने को पूरा करने का मौका नहीं मिलता। या यूं कहें कि कई बार समाज समानता की अनुमति नहीं देता है। पुरुषों के बराबर महिलाओं को लाने में कई विकसित देश आज भी पीछे हैं। आयरलैंड का उदाहरण लें तो वहां महिलाओं को अबॉर्शन का अधिकार नहीं है, भले ही प्रेग्नेंसी मां और बच्चे दोनों के लिए घातक हो। वहीं संयुक्त अरब अमीरात में कुछ महीने पहले तक महिलाओं को ड्राइव करने की अनुमति नहीं थी।

अगर बात भारत की करें तो यहां भी कई क्षेत्रों में लड़कियों की भागीदारी काफी कम है। स्पोर्ट्स की बात करें तो राष्ट्रीय पैरालैम्पिक कमेटी के बोर्ड मेंबर्स में सिर्फ 8 प्रतिशत महिलाएं हैं। अलग-अलग स्पोर्ट्स के कोच की बात करें तो 16 प्रतिशत से भी कम महिला कोच हैं। भारतीय क्रिकेट टीम की बात करें तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की कमाई 8 गुना कम है।

लेकिन लड़कियों के सपनों को पूरा करने के लिए और खेल के क्षेत्र में उन्हें आगे ले जाने के लिए ब्रीज ऑफ स्पोर्ट्स फाउंडेशन नाम की एक संस्था काम कर ही है। यह संस्था लड़कियों को उनके सपने तक पहुंचाने का काम कर रही है, जो कई कारणों से उनसे वंचित रह जाती हैं। इसके साथ ही यह संस्था खेल के क्षेत्र में लड़कियों की भागीदारी को बढ़ा रही है। इस संस्था से ट्रेनिंग लेकर कई लड़कियां नाम रौशन कर रही हैं और कई उसकी तैयारी में लगी हुई हैं। ब्रीज ऑफ स्पोर्ट्स फाउंडेशन ने लड़कियों को ट्रेनिंग देने के लिए कोच का एक ग्रुप बनाया है, जो उन्हें ट्रेनिंग देते हैं।

उन्हीं लड़कियों में से एक हैं श्वेता एस सिद्दी, जो कर्नाटक के येल्लापुर जिले के उस इलाके से आती हैं जो जंगलों के बीच बसा है। श्वेता को ब्रीज ऑफ स्पोर्ट्स से जुड़े अनिल वर्गीस ने ट्रेनिंग दी और सिर्फ दो महीने की ट्रेनिंग के बाद श्वेता ने रनिंग ट्रैक पर धमाल मचाना शुरू कर दिया। श्वेता ने पहले तालुका स्तर पर गोल्ड मेडल जीता, इसके बाद जिला स्तर पर सिल्वर मेडल अपने नाम किया।

इसके अलावा कर्नाटक के चिकमगलुर जिले की रहने वाली वीणा अंजनप्पा की भी कहानी कुछ इसी तरह ही है। वीणा जब ब्रीज ऑफ स्पोर्ट्स फाउंडेशन से मिली, तब तक वो 10 से अधिक इंटरनेशनल और 15 नेशनल मेडल की विजेता थीं। इसके अलावा उन्होंने साल 2014 में किट्टूर रानी चेन्नमा स्टेट अवॉर्ड जीत चुकी थीं। ये बात केवल राज्य ही नहीं देश के लिए भी गर्व की बात है। लेकिन फिर भी उनको वो अवसर नहीं मिले जो मिलने चाहिए थे। 3 सालों तक आर्थिक तंगी के कारण वीणा किसी राष्ट्रीय चैंपियनशिप तक में हिस्सा नहीं ले पाईं और सरकार की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिली।

इसके बाद उनके कई साथियों ने तो मान लिया था कि आगे का जीवन केवल शादी ही है। इसके बाद ब्रीज ऑफ स्पोर्ट्स फाउंडेशन ने उनकी काबिलियत को समझा और उनका सपोर्ट किया। इसके बाद वीणा ने वापसी की और साल 2017 में नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। ब्रीज ऑफ स्पोर्ट्स फाउंडेशन अब तक इस तरह की कई लड़कियों की जिंदगी बदल चुका है और वो आज देश-दुनिया में अपना और देश का नाम रौशन कर रही हैं।

Web Title: KuchhPositiveKarteHain: This Organisation is working for Women to create equitable Sports Ecosystem for India

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