झारखंड की कोमालिका बनीं रिकर्व कैडेट विश्व चैंपियन, बनीं यह खिताब जीतने वाली भारत की दूसरी तीरंदाज
By सुमित राय | Published: August 26, 2019 09:15 AM2019-08-26T09:15:25+5:302019-08-26T09:15:25+5:30
कैडेट वर्ल्ड चैंपियन बननेवाली टाटा आर्चरी एकेडमी की तीरंदाज कोमालिका बारी ने 2012 में आइएसडब्ल्यूपी (तार कंपनी) तीरंदाजी सेंटर से अपने करियर की शुरुआत की थी।
भारतीय तीरंदाज कोमालिका बारी ने रविवार को विश्व युवा तीरंदाजी चैंपियनशिप के रिकर्व कैडेट वर्ग के एक तरफा फाइनल में जापान की उच्च रैंकिंग वाली सोनोदा वाका को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया। झारखंड के जमशेदपुर की टाटा तीरंदाजी अकादमी की 17 साल की खिलाड़ी कोमालिका अंडर-18 वर्ग में विश्व चैंपियन बनने वाली भारत की दूसरी तीरंदाज बनीं। उनसे पहले दीपिका कुमारी ने 2009 में यह खिताब जीता था।
विश्व तीरंदाजी से निलंबन लागू होने से पहले भारत ने अपनी आखिरी प्रतियोगिता में दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक के साथ अभियान का समापन किया। इस महीने की शुरुआत में विश्व तीरंदाजी ने भारत को निलंबित करने का फैसला किया था। जिसके हटने तक अब कोई भी भारतीय तीरंदाज देश का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाएगा। भारतीय तीरंदाजों ने इससे पहले शनिवार को मिश्रित जूनियर युगल स्पर्धा में स्वर्ण और शुक्रवार को जूनियर पुरुष टीम स्पर्धा में कांस्य जीता था।
NEWS. Komalika Bari 🇮🇳 becomes third Indian archer to hold world #archery champion crown 👑 🏹🎯 https://t.co/AfS0QfIobcpic.twitter.com/C6xu9zsZ3Y
— World Archery (@worldarchery) August 25, 2019
#KomalikaBari won the Women’s Cadet Recurve gold 🥇 medal at the World Youth #Archery Championships in Madrid following a 7-3 win in the final. 🎯🏹
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कैडेट वर्ल्ड चैंपियन बननेवाली टाटा आर्चरी एकेडमी की तीरंदाज कोमालिका बारी ने 2012 में आइएसडब्ल्यूपी (तार कंपनी) तीरंदाजी सेंटर से अपने करियर की शुरुआत की थी। कोमालिका का यहां तक का सफर आसान नहीं रहा और उनके परिवार को काफी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। कोमालिका की मां लक्ष्मी बारी आंगनबाड़ी सेविका हैं, वहीं पिता एलआईसी एजेंट का काम करते हैं।
(भाषा से इनपुट के साथ)