लाइव न्यूज़ :

फाइनल परीक्षा का समय आ गया है : भारतीय मुक्केबाजी हाई परफोरमेंस निदेशक निएवा

By भाषा | Updated: July 18, 2021 15:23 IST

Open in App

(पूनम मेहरा)

नयी दिल्ली, 18 जुलाई भारतीय मुक्कबाजी के हाई परफोरमेंस निदेशक सांटियागो निएवा अपने खुद के ओलंपिक पदार्पण के लिये काफी रोमांचित भी हैं और थोड़े नर्वस भी और उनका कहना है कि अब अंतिम परीक्षा का समय आ गया है।

वह इस बात से भी वाकिफ है कि अगर तोक्यो में कोई पदक नहीं मिला तो पिछले चार वर्षों की मेहनत मायने नहीं रखेगी।

शनिवार को नौ भारतीय मुक्केबाज तोक्यो के लिये रवाना हुए, उन्होंने इससे पहले पीटीआई से फोन पर मुक्केबाजों की तकनीक में हुए बदलाव के बारे में बात की।

निएवा ने कहा, ‘‘थोड़ा तनाव है, हर वक्त नहीं, कभी कभार। ज्यादातर समय मैं उत्साहित हूं क्योंकि यह इतनी मेहनत के बाद फाइनल परीक्षा की तरह है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा पहला ओलंपिक है, अगर देखा जाये तो मैं खेल के विशेषज्ञ के रूप में लंदन 2012 में भी था। ’’

मुक्केबाज और सहयोगी स्टाफ सुबह तोक्यो पहुंच गया है और कोविड-19 संबधित सभी प्रोटोकॉल को पूरा करने के बाद खेल गांव पहुंच चुका है।

निएवा ने कहा, ‘‘ अगर हमें ओलंपिक पदक नहीं मिलता है तो अभी तक हमने जो कुछ भी किया है, उसकी सराहना नहीं की जायेगी। मैं इस बात से वाकिफ हूं। ’’

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ द्वारा अप्रैल 2017 में नियुक्त किये जाने से पहले वह स्वीडिश पुरूष टीम के साथ थे। 47 साल का पूर्व बैंथम और फेदरवेट मुक्केबाज अर्जेंटीनी मुक्केबाजी टीम का मैनेजर भी रह चुका है बल्कि 1997 विश्व कप में उन्होंने देश के लिये हिस्सा भी लिया। निएवा का जन्म अर्जेंटीना में हुआ था।

भारतीय मुक्केबाज 2016 रियो ओलंपिक में कोई पदक नहीं जीत सके थे। निएवा पर पुरूष मुक्केबाजों की जिम्मेदारी है और उन्होंने उनके खेल के कई पहलुओं में सुधार किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हमने जो ट्रेनिंग लक्ष्य बनाये थे, उन्हें हासिल किया है, विशेषकर इटली के अंतिम दौरे में। हमें जिस तरह के सहयोगी मुक्केबाजों के साथ सत्र चाहिए थे, वो हम कर सके। ’’

तोक्यो के लिये क्वालीफाई करने वाले मुक्केबाजों के लिये जिन पहलुओं में बदलाव की जरूरत थी, उसमें रिंग में संतुलन, जकड़ में होने के बावजूद मुक्के जड़ना और कोच को देखे बिना ही बी योजना के बारे में सोचना शामिल था।

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय मुक्केबाजी में जकड़ने के दौरान अंक जुटाना सबसे बड़ी समस्या थी लेकिन अब मैं कह सकता हूं कि अब इसमें अंक जुटाने का प्रतिशत 70-80 फीसदी हो गया है। साथ ही करीब रेंज की मुक्केबाजी में भी कमी थी। उदाहरण के तौर पर अमित लंबी रेंज का शानदार मुक्केबाज है और हमने सुनिश्चित किया कि वह करीबी रेंज में भी सुधार करे। वह लंबा मुक्केबाज नहीं है तो उसे करीबी रेंज में बेहतर करना था। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि यह शानदार प्रदर्शन होगा। उन्हें रिंग में नियंत्रण बनाना होगा। उन्हें तेजी से सोचकर कार्नर में देखे बिना किसी भी स्थिति में ढलना होगा। हमने इन पहलुओं पर काम किया है। ’’

कोविड-19 के खतरे के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले एक साल से इससे निपट रहे हैं। कोई भी मामला हैरानी भरा नहीं होगा। हमने स्वास्थ्य संबंधित प्रोटोकॉल को आदत बना लिया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटIND vs SA 1st T20I: टीम इंडिया का टी20 विश्व कप के लिए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कटक की हार का सिलसिला खत्म करना है लक्ष्य

भारतGoa Nightclub Fire: आग लगने के कुछ घंटों बाद मालिक इंडिगो फ्लाइट से फुकेट भागा, हादसे में 25 लोगों की हुई मौत

भारतVIDEO: कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के आगे घुटने टेक दिए, पीएम मोदी...

भारतVIDEO: कांग्रेस महिला विरोधी है, अपशब्द बोलते रहते हैं, कंगना रनौत...

भारतVIDEO: नेहरू ने इसरो नहीं बनाया होता आपका मंगलयान ना होता, लोकसभा में प्रियंका गांधी

अन्य खेल अधिक खबरें

अन्य खेलFootball World Cup 2026: यूएस ने वीजा देने से किया इनकार, ईरान फुटबॉल वर्ल्ड कप के ड्रॉ का करेगा बहिष्कार

अन्य खेलराष्ट्रमंडल खेल 2030 : भारत की नई उड़ान!

अन्य खेलभारत करेगा 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी, अहमदाबाद में होगा आयोजन

अन्य खेलWomen's FIH Hockey Junior World Cup: महिला जूनियर हॉकी टीम का ऐलान, भारतीय टीम को लीड करेंगी ज्योति सिंह

अन्य खेलकोग्निवेरा इंटरनेशनल पोलो कप की धूमधाम शुरुआत, 25 अक्टूबर को भारत-अर्जेंटीना में जबरदस्त टक्कर!