International Women's Day 2020: इस महिला वेटलिफ्टर के पास कभी नहीं थे डायट के लिए पैसे, वेटलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियन में 22 साल बाद दिलाया था भारत को गोल्ड
International Women's Day 2020: इस महिला वेटलिफ्टर के पास कभी नहीं थे डायट के लिए पैसे, वेटलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियन में 22 साल बाद दिलाया था भारत को गोल्ड
ठळक मुद्दे8 मार्च को देशभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम आपको बता रहे हैं मीराबाई चानू ने की कहानी।
8 मार्च को देशभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जाएगा। इस मौके पर हम आपको खेल जगह की उन महिलाओं के बारे में बता रहे हैं, जो दुनियाभर में भारत का परचम लहरा रही हैं। भारत की सैखोम मीराबाई चानू ने साल 2017 में अमेरिका के अनाहाइम शहर में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में महिलाओं के 48 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड हासिल किया था।
मीराबाई ने वेटलिफ्टिंग में भारत को 22 साल बाद गोल्ड दिलाया था। मीराबाई चानू से पहले वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत की आखिरी विजेता कर्णम मल्लेश्वरी थीं, जिन्होंने साल 1994 और 1995 में वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था।
कुंजरानी देवी को मानती हैं प्रेरणा
चानू भारत की पूर्व वेटलिफ्टर कुंजरानी देवी को अपनी प्रेरणा मानती हैं। चानू ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब बचपन में मैं कुंजरानी देवी को वेटलिफ्टिंग करते देखती थी तो यह मुझे काफी आकर्षक लगा। मैं ये सोचती थी कि वो इतना वजन कैसे उठा पा रही हैं।
ट्रेनिंग के लिए करनी पड़ती थी 60 KM की यात्रा
चानू ने बताया था कि इसके बाद उन्होंने वेटलिफ्टिंग के लिए अपने माता-पिता को मनाया। हालांकि मैंने तय कर लिया था कि वेटलिफ्टिर बनना है, लेकिन मेरे गांव में कोई वेटलिफ्टिंग नहीं था और मुझे ट्रेनिंग के लिए साठ किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती थी।
डायट ने लिए नहीं होते थे पैसे
चानू के परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं थी, इसलिए डायट चार्ट के मुताबिक खाना नहीं खा पाती थीं। इसका असर की बार उनके खेल पर भी पड़ा। चानू बताती हैं कि हमारे कोच हमें जो डाइट चार्ट देते थे, उसमें चिकन और दूध अनिवार्य हिस्सा थे। मेरे घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि मैं हर दिन चार्ट के मुताबिक खाना खा सकूं और कई बार अपर्याप्त पोषण के बावजूद वेटलिफ्टिंग करना पड़ा।
मणिपुर के पूर्वी इम्फाल में हुआ जन्म
सैखोम मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को मणिपुर के पूर्वी इम्फाल में हुआ था। 4 फीट 11 इंट लंबाई वाली चानू 48 किलोग्राम वर्ग में हिस्सा लेती हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2007 में इम्फाल में आयोजित खुमस लंपक स्पोर्ट्स कॉमनवेल्थ से की थी।
चानू की उपलब्धियां
चानू को साल 2013 में गुवाहाटी में आयोजित जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में बेस्ट लिफ्टर चुना गया था। इसके बाद चानू ने साल 2011 में इंटरनेशनल यूथ चैंपियनशिप और दक्षिण एशियाई जूनियर गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। चानू ने साल 2014 में ग्लासगो में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था। साल 2016 में दक्षिण एशियाई खेलों में चानू ने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया था। अब उन्होंने वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल अपना नाम किया है।