भारतीय टेनिस खिलाड़ियों को करना होगा चमत्कारिक प्रदर्शन

By भाषा | Updated: July 23, 2021 10:14 IST2021-07-23T10:14:55+5:302021-07-23T10:14:55+5:30

Indian tennis players will have to perform miraculously | भारतीय टेनिस खिलाड़ियों को करना होगा चमत्कारिक प्रदर्शन

भारतीय टेनिस खिलाड़ियों को करना होगा चमत्कारिक प्रदर्शन

तोक्यो, 23 जुलाई भारतीय टेनिस खिलाड़ियों को तोक्यो ओलंपिक में पदक दौर के करीब जाने के लिये चमत्कारिक प्रदर्शन करना होगा क्योंकि सानिया मिर्जा और ओलंपिक में पदार्पण कर रही अंकिता रैना को उक्रेन की टीम के रूप में कड़ी चुनौती मिली है जबकि एकल वर्ग में सुमित नागल की राह भी आसान नहीं है ।

रिकॉर्ड चौथा ओलंपिक खेल रही सानिया और पहली बार उतरी रैना ने इस साल एक भी प्रतिस्पर्धी मैच साथ नहीं खेला है । खेलों के महासमर के लिये उनकी तैयारी किसी लिहाज से पुख्ता नहीं कही जा सकती ।

पिछली बार दोनों मार्च 2020 में बिली जीन किंग कप में साथ खेली थी ।

उनका सामना पहले दौर में उक्रेन की नादिया और युडमाइला किचेनोक बहनों से होगा ।

रैना ने पीटीआई से कहा ,‘‘ हर मैच चुनौतीपूर्ण होगा और हम मैच दर मैच रणनीति बनायेंगे । महामारी और पृथकवास नियमों के कारण हम अलग अलग टूर्नामेंटों में खेल रहे थे तो फेड कप के बाद साथ खेलने का मौका नहीं मिला ।’’

सानिया के पास हालांकि अपार अनुभव है और वह ऐसे जोड़ीदार के साथ उतरी है जो दिलेर प्रदर्शन करने का दम रखती है । इस जोड़ी के लिये हालांकि बहुत कुछ सानिया के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा जो अभी अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं है।।

विम्बलडन के दौरान बेसलाइन पर उनका खेल बेहतर था लेकिन सर्विस कमजोर नजर आई । सानिया जब कोरोना महामारी के कारण मिले ब्रेक के बाद टेनिस कोर्ट पर लौटी थी तो अपनी स्लोवेनियाई जोड़ीदार आंद्रिया क्लेपेक के साथ उन्होंने किचेनोक बहनों को ही हराया था ।

मातृत्व अवकाश के बाद रैंकिंग में 137वें स्थान पर खिसकी 34 वर्ष की सानिया ने इस सत्र में आठ मैच खेलकर चार जीते हैं । वहीं 28 वर्ष की रैना रैंकिंग में 100वें स्थान पर है और 2021 सत्र की शुरूआत के बाद से एकल मुख्य ड्रॉ में कुल जमा एक जीत उनके नाम है । युगल वर्ग में फरवरी में मेलबर्न में उन्होंने कैमिला राखिमोवा के साथ पहला डब्ल्यूटीए खिताब जीता । उसके बाद लगातार पांच टूर्नामेंट में पहले दौर में हार गई ।

सानिया की सुरक्षित रैंकिंग नौ नहीं होती तो भारत को ओलंपिक महिला युगल टेनिस में प्रवेश नहीं मिलता ।

सानिया और रैना पहले दौर में जीत जाते है।तो उनका सामना अगले दौर में अमेरिका की निकोल मेलिचार और एलिसन रिस्के से हो सकता है ।

पुरूष एकल में नागल भाग्यशाली रहे कि उन्हें ओलंपिक खेलने का मौका मिला । 14 जून की समय सीमा के भीतर उनकी रैंकिंग 144 थी और वह कट में प्रवेश के करीब भी नहीं थे । कई खिलाड़ियों के नाम वापिस लेने के कारण उन्हें मौका मिला ।

नागल हाल ही में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके हैं लेकिन सत्र की शुरूआत में उन्होंने दुनिया के 22वें नंबर के खिलाड़ी क्रिस्टियन गारिन को हराकर कैरियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी । उसके बाद से वह सिर्फ दो चैलेंजर स्तर के क्वार्टर फाइनल खेल सके हैं ।

उनका सामना पहले दौर में एशियाई खेलों के चैम्पियन उजबेकिस्तान के डेनिस इस्तोमिन से होगा । इसमें जीतने पर अगले दौर में उनकी टक्कर रूस के दानिल मेदवेदेव से हो सकती है जो दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी और आस्ट्रेलियाई ओपन विजेता हैं।

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