भारतीय खिलाड़ियों का चौथे स्थान पर रहकर पदक चूकने का सिलसिला जारी
By भाषा | Published: August 7, 2021 05:05 PM2021-08-07T17:05:18+5:302021-08-07T17:05:18+5:30
नयी दिल्ली, सात अगस्त ओलंपिक में पदक चूकने का मलाल सबसे ज्यादा चौथे स्थान पर रहने वाले खिलाड़ी या टीम को होता है, आखिरी स्थान पर रहना निराशाजनक होता है लेकिन चौथे स्थान पर होना सबसे ज्यादा दर्द देता है।
भारतीय गोल्फर अदिति अशोक शुरुआती तीन चरण में पदक की दौड़ में थी लेकिन चौथे चरण के बाद दो शॉट से कांस्य पदक हासिल करने से चूक गयी।
अदिति अशोक के अलावा तोक्यो ओलंपिक में पहलवान दीपक पूनिया, भारतीय महिला हॉकी टीम भी चौथे स्थान पर रहते हुए पदक से चूके।
इससे पहले भी ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ी या टीमें मामूली अंतर से पदक हासिल करने में नाकाम रहे है जिसकी शुरुआत 1956 ओलंपिक में फुटबॉल टीम के साथ हुई थी।
मेलबर्न ओलंपिक 1956 में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को क्वार्टर फाइनल में 4-2 से हराने के बाद भारतीय टीम सेमीफाइनल में यूगोस्लाविया और फिर कांस्य पदक मुकाबले में बुल्गारिया से हार गयी।
इसके चार साल बाद रोम ओलंपिक (1960) महान धावक मिल्खा सिंह सबसे 400 मीटर की दौड़ में सेकेंड के 10वें हिस्से से कांस्य पदक से चूक गए।
महिला हॉकी टीम के बाद इससे पहले 1980 में भी पदक जीतने का मौका था लेकिन मास्को ओलंपिक में छह टीमों के मुकाबले में आखिरी मैच में टीम तत्कालीन सोवियत संघ से 1-3 से हारकर चौथे स्थान पर रही।
पीटी ऊषा लॉस एंजिल्स में 1984 के ओलंपिक में 400 मीटर बाधा दौड़ में सेकंड 100वें हिस्से से पदक जीतने से चूक गयी। वह किसी भी प्रतियोगिता में भारतीय एथलीटों में सबसे करीब से पदक चूकने वाली खिलाड़ी है।
इसके 20 साल के बाद एथेंस ओलंपिक (2004) में लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी 2004 पोडियम से चूक गई थी। टेनिस के पुरुष युगल में शुरुआती मैचों में शानदार प्रदर्शन करने के बाद यह जोड़ी सेमीफाइनल और कांस्य पदक मुकाबले में लय नहीं बरकरार रख सकीं।
इसी ओलंपिक में कुंजरानी देवी भारोत्तोलन के 48 किग्रा भार वर्ग में चौथे स्थान पर रही थी।
लंदन में 2012 में हुए ओलंपिक खेलों में निशानेबाज जॉयदीप कर्माकर मामूली अंतर से पिछड़कर चौथे स्थान पर रहे।
ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली देश की पहली जिम्नास्ट दीपा कर्माकर रियो खेलों (2016) में महिलाओं की वॉल्ट स्पर्धा में 0.150 अंक से पिछड़कर चौथे स्थान पर रही थी।
इसी ओलंपिक में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा चौथे स्थान पर रहे थे।
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