मुझे बल्लेबाजी को लेकर लोगों की आलोचना के कारण बदलाव की जरूरत नहीं: साहा

By भाषा | Updated: May 22, 2021 16:52 IST2021-05-22T16:52:20+5:302021-05-22T16:52:20+5:30

I don't need change because of criticism from people about batting: Saha | मुझे बल्लेबाजी को लेकर लोगों की आलोचना के कारण बदलाव की जरूरत नहीं: साहा

मुझे बल्लेबाजी को लेकर लोगों की आलोचना के कारण बदलाव की जरूरत नहीं: साहा

... तपन मोहंता...

कोलकाता, 22 मई अनुभवी विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा एक बार फिर से उसी तरह की स्थिति में आ गये है जब वह 10 साल पहले तत्कालीन कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के उत्तराधिकारी (विकेटकीपिंग में विकल्प) के तौर पर 2011 में इंग्लैंड दौरे पर गये थे।

ऐसी ही कहानी 2014 में भी दोहरायी गयी और विकेट के पीछे शानदार कौशल होने के बावजूद 2021 (इंग्लैंड दौरे पर) में एक बार फिर से वह ड्रेसिंग रूम से शानदार बल्लेबाजी लय में चल रहे युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को मैदान में उतरते हुए देखेंगे।

साहा ने मुंबई में भारतीय टीम के बायो-बबल में शामिल होने से पहले पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘जाहिर है, जब आप अच्छा नहीं करेंगे तो आलोचना भी होगी। मैं हमेशा उस तरह का प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूं जैसा मैंने वर्षों से सीखा है।’’

बल्लेबाजी में अच्छी तकनीक होने के बाद भी साहा टीम प्रबंधन को प्रभावित करने में नाकाम रहे हैं। वह हालांकि इस पर उठने वाले सवालों से विचलिच नहीं है।

बंगाल के इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ अगर लोग कह रहे हैं कि मेरी बल्लेबाजी अच्छी नहीं है, तो शायद ऐसा हो सकता है। मुझे हालांकि नहीं लगता कि मानसिक या तकनीकी दृष्टिकोण से कुछ भी बदलने की जरूरत है । मैं बस अपना ध्यान केंद्रित करने और कड़ी मेहनत करने की कोशिश करता हूं।’’

उन्होंने स्वीकार किया कि धोनी के संन्यास और 2018 के पूरे सत्र के दौरान उनके चोटिल होने के बाद जिन विकेटकीपरों को मौका मिला उनमें पंत ने ही मौकों का सबसे अच्छा उपयोग किया था।

साहा ने कहा, ‘‘ जब मैं चोट के कारण बाहर हुआ तो पार्थिव (पटेल), डीके (दिनेश कार्तिक) और ऋषभ को मौके मिले। लेकिन वह ऋषभ ही थे, जिन्होंने मौके का पूरा फायदा उठाया और टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। मुझे इस दौरान कुछ ही मैच खेलने को मिले।’’

भारत अगले तीन महीनों में इंग्लैंड में छह टेस्ट मैच खेलेगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो पंत का विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में खेलना तय है। साहा का मानना है कि अगस्त से इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला में उन्हें कुछ मौके मिल सकते हैं।

भारत के लिए 38 टेस्ट में 1251 रन बनाने के साथ विकेट के पीछे 103 शिकार करने वाले साहा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत का प्रतिनिधित्व करना अपने आप में एक बड़ी प्रेरणा है, और अगर मुझे कोई मौका मिलता है तो यह बड़ी बात होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ आखिरकार, हर किसी को इस तरह के छोटी-बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है लेकिन टीम के साथ रहना और 140 करोड़ लोगों के देश का प्रतिनिधित्व करना कहीं अधिक बड़े सम्मान की बात है।

भारतीय टीम के साथ 11 साल के सफर में साहा को कई बार टीम से अंदर-बाहर होना पड़ा लेकिन उन्हें इससे कोई शिकायत नहीं है। उनके लिए हमेशा टीम की प्राथमिकता सर्वोच्च है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा अपने खेल को इसी मानसिकता के साथ देखता हूं। मेरे लिए टीम हमेशा पहले आती है और मैं हमेशा अपनी टीम की जीत चाहता हूं। इसने कभी किसी के साथ मेरे व्यक्तिगत संबंधों को प्रभावित नहीं किया।’’

विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के बारे में पूछे जाने पर साहा कि कहा कि इस मुकाबले में बल्लेबाजों पर अधिक जिम्मेदारी होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘ इंग्लैंड की परिस्थितियों को देखते हुए, बल्लेबाजों को सबसे अधिक चुनौती का सामना करना पड़ेगा। तेज गेंदबाजों को हमेशा वहां फायदा मिलता है। इसलिए बल्लेबाजों के पास सफलता की कुंजी होगी। बेहतर बल्लेबाजी करने वाली टीम आगे होगी।’’

भारतीय कप्तान विराट कोहली और इंडियन प्रीमियर लीग की उनकी टीम सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान केन विलियमसन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ केन शांत स्वभाव के है और वह अपने काम को शांत और व्यवस्थित तरीके से करते है। लेकिन यह मैदान के बाहर बात करने की जगह मैदान के अंदर चुनौतियों का सामना करने के बारे में है।

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