हरियाणा: खिलाड़ियों के लिए जारी फरमान पर खट्टर सरकार का यू-टर्न, कहा- हर मुद्दे पर विचार करेंगे
By विनीत कुमार | Published: June 8, 2018 05:17 PM2018-06-08T17:17:31+5:302018-06-08T17:52:17+5:30
हरियाणा सरकार ने खिलाड़ियों की कमाई का एक-तिहाई हिस्सा हरियाण राज्य खेल परिषद (स्पोर्ट्स काउंसिल) में जमा कराने का फरमान जारी किया था।
नई दिल्ली, 8 जून: हरियाणा सरकार ने राज्य के खिलाड़ियों की कमाई का एक तिहाई पैसा स्पोर्ट्स काउंसिल में जमा कराने के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद इस बारे में जानकारी दी और बताया कि वह अभी खेल विभाग के इस फैसले से जुड़े फाइल को देख रहे हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार खट्टर ने कहा, 'मैंने खुद खेल विभाग से जुड़ी वो फाइनल मंगाई है और नोटिफिकेशन पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। हमें अपने खिलाड़ियों के योगदान पर बहुत गर्व है और मैं उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि हर मुद्दे पर विचार किया जाएगा।'
I have asked for the relevant file of Sports Dept to be shown to me & the notification to be put on hold till further orders. We are proud of immense contribution by our sports persons & I assure them of a just consideration of all issues: Haryana CM M L Khattar (File pic) pic.twitter.com/66FobKDH4w
— ANI (@ANI) June 8, 2018
बता दें कि इससे पहले हरियाणा सरकार ने खिलाड़ियों की कमाई का एक-तिहाई हिस्सा हरियाणा राज्य खेल परिषद (स्पोर्ट्स काउंसिल) में जमा कराने का फरमान जारी किया था। इसके बाद बबीता फोगाट से लेकर सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त जैसे एथलीट ने सरकार के इस फैसला पर विरोध जताया था। (और पढ़ें- हरियाणा सरकार का फरमान- 'राज्य के एथलीट कमाई का एक तिहाई हिस्सा सरकार को दें', छिड़ा विवाद)
हरियाणा सरकार की ओर 30 अप्रैल 2018 को जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया था कि हरियाणा सरकार के किसी विभाग में कार्यरत एथलीट को अतिरिक्त छुट्टी दी जाएगी लेकिन खिलाड़ियों को होने वाली कमाई का एक तिहाई हिस्सा सरकार के पास जमा कराना होगा। इसमें पेशेवर खेल सहित विज्ञापन से होने वाली कमाई भी शामिल है। सरकार के अनुसार इन पैसों का इस्तेमाल राज्य में खेल के विकास के लिए किया जाना है।
एथलीट थे सरकार के फैसले से नाराज
सरकार के इस फैसले के बाद से ही खिलाड़ी अपना विरोध जता रहे थे। बबीता फोगाट ने कहा, 'क्या सरकार को अहसास है कि एक खिलाड़ी कितनी मेहनत करता है। वे कमाई का एक तिहाई हिस्सा कैसे मांग सकते हैं? मैं इसका बिल्कुल समर्थन नहीं करती हूं। सरकार को कम से कम इस बारे में हमसे चर्चा करनी चाहिए थी।'
वहीं, पहलवान सुशील कुमार ने भी सरकार को इस फैसले पर दोबारा सोचने को कहा है। सुशील कुमार ने कहा है कि उन्होंने दुनिया के किसी भी हिस्से में ऐसे आदेश नहीं सुने हैं। साथ ही सुशील ने कहा कि ओलंपिक और दूसरे टूर्नामेंट में खेलने वाले कई खिलाड़ी पहले ही गरीब परिवारों से आते हैं। पहलवान योगेश्वर दत्त ने भी सरकार के इस कदम पर कड़ा ऐतराज जताते हुए इस तुगलकी फरमान बताया था। (और पढ़ें- राशिद खान ने बांग्लादेश पर जीत के बाद ट्विटर पर लिखा कुछ ऐसा, नाराज हो गए फैंस)